
डिजिटल दौर में बच्चों पर साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए योगी सरकार ने खास रणनीति तैयार की है। इसके तहत इंडियन चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) की ओर से साइबर सुरक्षा और जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। प्रदेश में संचालित 105 आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालयों में से प्रत्येक विद्यालय के दो शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है। ये शिक्षक बच्चों को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देने के साथ ही उससे बचाव के तरीके भी बताएंगे।
पहले चरण में 10 मंडल के 32 विद्यालयों के 64 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। योगी सरकार का उद्देश्य है कि सर्वोदय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को साइबर शोषण से रोकथाम के लिए जागरूक कर मानसिक रूप से सशक्त बनाया जाए। इसी के मद्देनजर समाज कल्याण विभाग और आईसीपीएफ के बीच एमओयू भी साइन किया गया था।
आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण का दूसरा चरण 26 और 27 अक्तूबर को और तीसरा चरण 20 और 21 नवंबर को चलेगा। योजना में प्री-इंटरवेंशन एवं पोस्ट-इंटरवेंशन सर्वेक्षण कर उसके अनुरूप छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग की जाएगी, जिसके माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
विद्यालयों में लिखित सामग्री, वीडियो, सॉफ्टवेयर एवं पोस्टर के माध्यम से साइबर यौन शोषण संबंधी मामलों के प्रति बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा मानसिक रूप से मजबूत कर ऐसी घटनाओं पर शिकायत दर्ज करवाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। राज्य मंत्री, समाज कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि सभी सर्वोदय विद्यालयों में कंप्यूटर और टैब लैब संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों में तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा के प्रति दक्षता भी आवश्यक है।
तकनीकी के साथ कानूनी जानकारी भी देंगे
जागरूकता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर छात्र-छात्राओं को साइबर शोषण, ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान तनाव का मानसिक स्वास्थ्य पर असर, डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल, टैबलेट, कंप्यूटर आदि को सुरक्षित रखने संबंधी तकनीकी जानकारी एवं कानूनी पहलुओं के संबंध में जागरूक कर सुरक्षित वातावरण विकसित करेंगे।
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