
गरीबों की कितनी सुनवाई होती है, ये गुब्बारे बेचकर परिवार का पेट भरने वाले भानु की मौत से उजागर हो रहा है। मेरठ शहर के सबसे व्यस्त मार्केट आबूलेन पर सोमवार रात गुब्बारे बेचने वाले भानु की स्कॉर्पियो की टक्कर से मौत हो गई। भीड़ ने कार सवार अनुभव गोयल को सदर बाजार पुलिस के हवाले कर दिया। गाड़ी भी मौके से बरामद हो गई। इसके बावजूद सदर बाजार पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज करने की बजाय अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि अज्ञात में तहरीर आई, इसलिए नामजदगी नहीं लिखी।
आबूलेन पर स्कॉर्पियो से कुचलकर मरने वाले युवक की पहचान मंगलवार को भानु पुत्र बच्चू सिंह नारायणदास खेड़ा उन्नाव के रूप में हुई। वह कंकरखेड़ा की रेलवे कॉलोनी में रहता था। शव की पहचान उसके बहनोई तारा सिंह ने की। भानु की जगह कोई रसूखदार होता तो पुलिस गाड़ी के आधार पर आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर लेती लेकिन गरीब की पैरवी करने वाला कौन होता है। ये भी तब जबकि भीड़ ने स्कॉर्पियो सवार अनुभव गोयल की पिटाई करके पुलिस के हवाले कर दिया। अनुभव शराब के नशे में था। उसने बताया था कि उसके साथ कार्तिक उर्फ कुश गुप्ता, मनिक और तनिष्क शर्मा निवासी कृष्णा वाटिका थे। सभी ने शराब पी रखी थी। हादसे के बाद वे सभी फरार हो गए।
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