
परिवार में किसी का निधन हो गया है या आप किसी संकट में हैं तो अनजान व्यक्ति की ओर से मदद की पेशकश पर सतर्क रहें, वरना ठगी के शिकार हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर जालसाजों का नेटवर्क सक्रिय है। ये जालसाज परिवार में किसी के निधन की सूचना सोशल मीडिया पर आते ही परिचित बनकर फोन करते हैं और पूर्व में उधार लिए गए रुपये को चुकाने के बहाने लिंक भेजकर जाल फैलाते हैं। अगर लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपका खाता हैक हो जाएगा।
साइबर एक्सपर्ट शशिकांत जायसवाल का कहना है कि सोशल मीडिया प्रोफाइल को लॉक न रखने, पासवर्ड नहीं बदलने सहित अन्य तरह की लापरवाही का फायदा उठाकर जालसाज लोगों से ठगी करते हैं। भावुक पलों में लोग सहानुभूति और मदद के फेर जालसाजी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे मामलों की शिकायत पर जांच की जाती है।
केस एक : आप के पिता ने 20 हजार रुपये उधार दिए थे, चुकाना है
गुलरिहा एरिया निवासी संजय कुमार के पिता का निधन हो गया था। उन्होंने इसकी सूचना अपने फेसबुक पर अपलोड कर दी। दो दिन के बाद उनके बाद मोबाइल पर किसी अंजान नंबर से काॅल आई। फोन करने वाले ने बताया कि आप के पिता का परिचित बोल रहा हूं। आप के पिता दिल्ली आए थे तो उन्होंने 20 हजार रुपये दिए थे। एक लिंक भेज रहा हूं। उसे क्लिक करेंगे तो रुपये मिल जाएंगे। पहले तो संजय को लगा कि पिता के परिचित मदद करेंगे। बाद में उन्होंने अपने भाई से पूछा तो मालूम हुआ कि पिता कभी दिल्ली नहीं गए थे।
केस दो : दो हजार रुपये कट गए, तब हुआ ठगी का अहसास
कैंपियरगंज के रहने वाले रामाज्ञा के पिता का निधन 15 दिन पूर्व हुआ था। उन्होंने अपने परिचितों को सूचना देने के लिए यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। चार दिन पूर्व उनके उनके पास एक अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने पिता का परिचित बनकर झांसे में लिया। रामाज्ञा को लगा कि मुसीबत में पैसे मिल जाएंगे तो वह काम आएंगे। इस चक्कर में उन्होंने जालसाज के कहने पर ओटीपी शेयर कर दी। उनके एकाउंट से दो हजार रुपये कट गए।
इन तरीकों से करें बचाव
— सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल को सुरक्षित रखें।
— मोबाइल नंबर, जन्मतिथि इत्यादि की जानकारी उपलब्ध होने का फायदा ठग उठाते हैं।
— कोई भी ऐप आप प्ले स्टोर से या ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
— अपने जरूरी कागजों, दस्तावेजों को डिजी लॉकर ऐप में ही रखें।
— कभी भी सरल पासवर्ड न बनाएं। खासकर अपनी शादी की सालगिरह,जन्मदिन की तारीख आदि को पासवर्ड कतई न बनाएं।
— एपीके की फाइलें कभी डाउनलोड न करें। इससे आपका कभी भी हैक हो सकता है।
— बच्चों को गेम खेलने के लिए अपना फोन न दें। जिसमें आपके गूगल पे, फोन पे आदि का एकाउंट चल रहा हो।
— अपना निजी जानकारी, आधार कार्ड, पैन कार्ड को फोटो, वीडियो शेयर न करें।
साइबर जालसाज ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। परिवार के किसी सदस्य का निधन हो जाने पर लोग गम में डूबे होते हैं। ऐसे में जालसाज लोगों को आसानी से शिकार बना लेते हैं। इससे सजग रहने की जरूरत है।
– उपेंद्र कुमार सिंह, साइबर एक्सर्ट, साइबर थाना
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