
कानपुर शहर में करीब 20 हजार बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके कनेक्शन की तारीख केस्को रिकॉर्ड में नहीं है। ऐसे में इन्हें 123 वर्षों से अधिक पुराना उपभोक्ता मान लिया गया है। इनमें कई बकायेदार भी हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 2008 में जब केस्को रिकॉर्ड ऑनलाइन हुआ तो सॉफ्टवेयर ने एक तारीख चुन ली। इसमें 19,972 उपभोक्ताओं को एक जनवरी 1900 से पहले का माना गया, जबकि शहर में बिजली 1906 में आई थी।
शहर के करीब दो लाख बकायेदारों पर 2129 करोड़ रुपये बाकी है। इसमें करीब 1600 करोड़ रुपये तो बकाया बिल का ब्याज है। अब तक 16216 बकायेदारों की तहसील से आरसी कट गई है और नोटिस तामील कराए जा रहे हैं। अब ऐसे उपभोक्ताओं में खलबली मची हुई है, जो रहने तो बाद में आए, लेकिन उन परिसरों में बकाया 123 साल पहले का दिखाया जा रहा है। करीब सात करोड़ पुराना बकाया जमा भी कराया गया है।
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