December 12, 2024

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गोरखपुर क्लब और लॉज निपाल- 38 के भविष्य पर भी संकट, शहर के ‘रईस’ हैं क्लब के सदस्य

नई नजूल नीति-2024 को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शहर के क्लब लॉज निपाल 38 और गोरखपुर क्लब के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। लॉज निपाल 38 की लीज 2019 में खत्म हो चुकी है। शासन स्तर पर नवीनीकरण की फाइल अटकी पड़ी है, जबकि गोरखपुर क्लब की लीज मार्च 25 में खत्म हो रही है। अब इन क्लबों के जिम्मेदार विधिक विमर्श ले रहे हैं।

चार दिन पहले योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक में नजूल भूमि के संबंध में अहम निर्णय लिए गए। इसके तहत अब सरकार निजी व्यक्तियों या संस्था को नजूल भूमि का स्वामित्व नहीं मिलेगा। पट्टा अवधि खत्म होते ही सरकार पट्टेदार को बेदखल कर नजूल भूमि वापस ले लेगी। सिर्फ सरकारी विभागों को सार्वजनिक उपयोग के लिए नजूल भूमि दी जाएगी।

इस निर्णय के आने के बाद शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस, गोलघर, रेलवे स्टेशन स्थित बहुत सारे होटल-रेस्टोरेंट और व्यावसायिक कांप्लेक्स पर खतरा मंडराने लगा है। ये सभी नजूल की जमीन पर बने हुए हैं।
इसी बीच शहर के दोनों महत्वपूर्ण क्लबों के वजूद पर प्रभाव पड़ सकता है।

कलेक्ट्रेट परिसर में दर्ज रेवेन्यू रिकाॅर्ड के अनुसार, निपाल लॉज की लीज 6 फरवरी 1941 को लॉज निपाल 38 के नाम से तत्कालीन डीएम ने किया था। अधिसूचित क्षेत्र का पट्टा 1903 में शुरू हुआ था। उस समय सरकारी जमीनों को पट्टे पर देने के लिए डीएम की ओर से अधिसूचित क्षेत्र कर अधिकृत की जाती थी। तब, लॉज 30 की जगह निपाल लॉज 2018 के नाम से इसकी लीज डीड बनी थी।

30 वर्ष के अंतराल पर लीज की समयावधि बढ़ाई जानी थी। ऐसे में 58 वर्ष पूरा होने पर 1999 में फिर से तीस वर्ष के लिए निपॉल लॉज की लीज डीड बढ़ाए जाने का आवेदन तत्कालीन पदाधिकारियों ने डीएम( कलेक्टर) से किया था, लेकिन इस बार लीज की डीड पहले 20 वर्ष फिर 10 वर्ष तक बढ़ाए जाने की शर्त रख दी गई।

इसी शर्त के अनुसार, 2019 में तत्कालीन लीज का 20 वर्ष पूरा हो गया। लॉज निपाल क्लब के तत्कालीन पदाधिकारियों ने तत्कालीन डीएम के विजयेंद्र पांडियन के पास आवेदन कर समय बढ़ाने का आवेदन किया। इस आवेदन को डीएम ने शासन में भेज दिया था और तभी से निपॉल लॉज लीज के संशोधन होने और अवधि बढ़ाए जाने की उम्मीद के साथ संचालित हो रहा है।

Crisis of expiry of land lease of Gorakhpur Club and Lodge Nipal Club 38
मार्च 2025 में खत्म हो जाएगा गोरखपुर क्लब का पट्टा
गोरखपुर क्लब के पट्टे की अवधि मार्च 2025 में खत्म हो रही है। 1887 को गोरखपुर क्लब की लीज डीड तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत के पदाधिकारियों ने की थी। क्लब के चार बार सचिव रहे चुके सुरेश सिंह ने बताया कि 1999 में गोरखपुर क्लब की लीज उन्होंने ही बढ़वाई थी। तब वह क्लब के सचिव थे।

ये लीज की अवधि 2025 मार्च में खत्म हो जाएगी। वर्तमान सचिव डॉ संजीव गुलाठी ने भी बताया कि लीज खत्म होने की जानकारी है। कब होगी, यह याद नहीं है। उनके मुताबिक, एक या दो साल में खत्म होने की जानकारी उन्हें भी है।

लीज के नियमों का पालन नहीं करते क्लब

कलेक्ट्रेट में चर्चा है कि शहर के ये क्लब लीज डीड की शर्तों का पालन नहीं करते हैं। क्लब इस परिसर का व्यावसायिक उपयोग करते हुए आर्थिक लाभ लेते हैं, जो गलत है। गोरखपुर क्लब के सामने की जमीन अभी हाल में नगर निगम ने मुक्त करवाकर परिसर पर सरकारी भवन का निर्माण करवा रही है, जबकि नियमानुसार अगर प्रशासन क्लब के आस-पास के जमीनों की सीमांकन और 1887 से लीज डीड के अनुसार 30 वर्ष में संशोधन की जांच करवा ले तो उसे और अतिरिक्त कीमती जमीन मिल जाएगी।

किसे कितनी छूट मिलेगी तस्वीर साफ नहीं, शासनादेश का इंतजार

गोरखपुर। प्रदेश में नई नजूल नीति 2024 के लागू होने के बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। अभी तक यह तस्वीर साफ नहीं हो सकी है कि किसे, कितनी छूट मिलेगी। जिन लोगों ने पट्टे की अवधि समाप्त होने के पहले ही शुल्क के साथ आवेदन कर दिया है, वे कार्रवाई की जद में आएंगे या उनका नवीनीकरण हो जाएगा, इसे लेकर कानून के जानकारों के यहां भीड़ जुटनी शुरू गई है।
वर्जन

एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीत कुमार सिंह ने बताया कि नई नजूल नीति 2024 को लेकर शासन के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। आदेश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। प्रशासन के पास गाटा संख्या के आधार पर नजूल की सभी जमीनों का रिकॉर्ड सुरक्षित है। बहुत सारे लोग मेरे पास भी कागजात लेकर आ रहे हैं, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जिन लोगों को पट्टा खत्म हो गया है, उनका नवीनीकरण नहीं होना है। ऐसी जमीनों को भी चिह्नित किया जा रहा है।