
वाराणसी के नगर निगम कार्यालय के बाहर मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में ठेला-पटरी वालों ने धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान विरोधी नारे भी लगाए गए।
बता दें शहर के 22 हजार ई-रिक्शा चालकों को अब तक न स्टैंड मिला और न ही पार्किंग की सुविधा मिली। इसे लेकर शहर की कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। वर्तमान में शहर के 40 वाहन स्टैंडों पर नगर निगम 12 कर्मचारियों की मदद से पर्ची काटी जा रही है। प्रति ई रिक्शा 10 रुपये शुल्क भी लिया जा रहा है। बावजूद इसके आए दिन वाहन स्टैंडों पर मनमानी जारी है।
नगर निगम की ओर वाहन स्टैंडों को दुरुस्त कराने के लिए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन को जिम्मेदारी दी है। जल्द ही वाहन स्टैंडों के आसपास पत्थर के डिमार्केशन लगवाए जाएंगे। एक तरफ से ई रिक्शा जाएंगे और दूसरी ओर से बाहर निकलेंगे।
लोकसभा चुनाव के पूर्व बैठक में तय हुआ था कि सभी मांगों को पूरा कराया जाएगा। चुनाव बीतने के बाद एक भी मांग पूरी नहीं हुई। ई रिक्शा चालक को स्टैंड, पार्किंग और चार्जिंग की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई। इस बीच पुलिस प्रशासन का रवैया ठीक नहीं है।
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