
आचार्य राम नजर महाराज ने कंस बध की मार्मिक प्रसंग का वर्णन कर स्रोताओ का मन मोह लिया।
इटावा लखना भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा कंस बध की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास आचार्य पं रामनजर महाराज वृन्दावन ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
कस्बा लखना बकेवर मार्ग के बन्दर बाले बाग के पास स्थित राधाकृष्ण मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छटवे दिन भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गोपियो के साथ रास रचाने एवं कंस बध का प्रसंग व उनके गूढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। इस दौरान डा राजेश सिंह चौहान जिला प्रवक्ता प्रधान संगठन इटावा एबं जिला उपाध्यक्ष व्यापार मंडल ने कथा पान कराने बाले बयास जी आचार्य पं श्री राम नजर महाराज और आचार्य पं श्री हरि ओम जी को साल उढा कर और पुष्प माला पहिना कर सम्मानित किया।इसी बीच परीक्षित रेखारानी व लाखन सिंह पाल रिटायर्ड एडीओ पंचायत सोमेश अवस्थी व कुलदीप पाल ने भी आचार्य जी का सम्मान किया । इस अवसर पर पधारे अरुण पाल लालजी पीटीआई व ओमप्रकाश पाल,धर्मेन्द्र पाल पूर्व सभासद,छोटू पाल,संदीप पाल,दीपक पाल,महेन्द्र पाल अभिकर्ता,रामबहादुर पाल,रामप्रकाश पाल उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष संतोष चौहान,सोनी चौहान,छोटू दोहरे, द्वारा श्रीकृष्ण जन्म पर पुष्प वर्षा व प्रसाद बितरण उपस्थित कथा प्रेमियों को किया गया।कथा मे बडी संख्या मे श्रोता मौजूद रहे।
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