भारतीय क्रिकेट टीम ने 11 वर्षों से आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को शनिवार को खत्म कर दिया। बेहद उतार चढ़ाव भरे मैच में दर्शकों की सांसें थम गई थीं। लेकिन खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी और हार के मुंह से वर्ल्ड कप ट्रॉफी को छीन लिया। जीत के बाद गोरखपुर में रात भर आतिशबाजी हुई और पटाखे फोड़े गए।
गोरखपुर सहित पूरे देश में सुबह से ही दर्शकों में फाइनल को लेकर गजब का उत्साह था। नौकायन स्थित बोट जेट्टी, होटल कोर्टयार्ड समेत कई जगहों पर क्रिकेट प्रेमियों के देखने के लिए बड़े स्क्रीन लगाए गए थे।
समूह में बैठे लोग हर ओवर के बाद लोग मैच की समीक्षा करते नजर आए। भारत के जीतने के बाद ही लोग टीवी के सामने से उठे। मैच की शुरुआत में रोहित के आउट होने के बाद दर्शकों में मायूसी छा गई। इसके बाद थोड़ी देर में पंत और सूर्यकुमार भी आउट हो गए। लेकिन विराट कोहली ने एक छोर संभाला और अक्षर ने साथ निभाया।
इनके बीच एक अच्छी साझेदारी हुई जिसने फिरसे उम्मीद जगाई। अक्षर के आउट होने के बाद शिवम दुबे ने पारी को विराट के साथ आगे बढ़ाया। विराट ने अंत में कुछ अच्छे शॉट लगाकर टीम को एक अच्छे टोटल तक पहुंचाया।
पहली पारी के बाद मैच काफी हद तक इंडिया के पाले में लग रहा था। दक्षिण अफ्रिका के शुरुआत में ही दो विकेट गिर गए। इससे मैच पूरी तरह भारत के पाले में आ गया। लेकिन थोड़ी देर में ही डी कॉक ने हेंड्रिक्स और क्लासेन के साथ कुछ अच्छी साझेदारी लगाकर दक्षिण अफ्रिका को मैच में वापस ला दिया।
क्लासेन ने कुछ बड़े शॉट लगाकर मैच को पूरी तरह दक्षिण अफ्रिका के पाले में कर दिया। इस बीच काफी दर्शकों के चेहरे पर मायूसी छा गई। लोग टीवी के सामने से हट गए। तभी अर्शदीप ने डी कॉक को आउट कर थोड़ी राहत पहुंचाई। लेकिन क्लासेन ने एक ही ओवर में 24 रन बनाकर मैच को भारत से दूर ले गए। लगभग 15वें ओवर के बाद ज्यादातर लोगों की उम्मीद टूट गई थी कि अब एक और वर्ल्ड कप हाथ से निकल गया।
बॉलरों ने कराई वापसी
अक्षर के महंगे ओवर के बाद बुमराह ने एक किफ़ायती ओवर डालकर मैच में थोड़ा शिकंजा कसा। इसके अगले ओवर में ही हार्दिक ने क्लासेन को आउट कर टीम की वापसी करवा दी। इस विकेट ने सभी खिलाड़ियों संग पूरे देश की जान में जान डाल दी।
अगले ओवर में फिरसे बुमराह ने किफायती ओवर में एक विकेट भी निकाल लिया। अंतिम ओवर में जैसे ही सूर्या ने मिलर का कैच पकड़ा वैसे ही हर तरफ से शोर सुनाई देने लगा। लोग घरों से बाहर आकर जश्न मनाने लगे। आतिशबाजी छूटने लगी। इसके बाद तो महज औपचारिकता ही बाकी थी। जीत सुनिश्चित होने के बाद सोशल मीडिया पर बधाई का तांता लग गया। हर तरफ टीम इंडिया की जय और भारत का झंडा दिखने लगा।
हर तरफ जश्न का माहौल
टी-20 विश्वकप में भारत की जीत का जश्न गांव की गलियों से लेकर शहर के चौक-चौराहों तक मना। सांसें रोक देने वाले फाइनल मैच के अंतिम ओवरों तक जीत की उम्मीद के साथ टीवी या मोबाइल के स्क्रीन से क्रिकेट प्रेमी चिपके रहे। हार्दिक पांडया के कातिलाना
अंतिम ओवर की पहली गेंद पर डेविड मिलर के आउट होने के साथ ही भारत की जीत का जश्न शुरू हो गया। जगह-जगह पटाखे छोड़कर लोगों ने एक दूसरे को जीत की बधाई दी। भारत की जीत के बाद गोलघर, बेतियाहाता, मोहद्दीपुर, इंजीनियरिंग कॉलेज, रूस्तमपुर, तारामंडल, कूड़ाघाट, पादरी बाजार, असुरन, मेडिकल कॉलेज, बसंतपुर, मदरसा चौक आदि जगहों पर सड़क पर उतरकर लोग जश्न मनाते देखे गए।
पूजन-अर्चन कर मांगी जीत की मन्नत
क्रिकेट का फाइनल मैच होने के कारण क्रिकेट प्रेमियों ने सुबह पूजन-अर्चन कर भारत की जीत के लिए मन्नतें मांगी। शाम को सभी काम निबटाकर टेलीविजन के सामने बैठ गए।
जब मैच नाजुक मोड़ पर आ गया तो सभी ने टीम की जीत के लिए प्रार्थना करनी शुरू कर दी। विश्व हिन्दू महासंघ द्वारा भारतीय टीम की जीत के लिए गोलघर काली मंदिर पर हवन-पूजन किा गया।
क्रिकेट प्रेमी आलोक कुमार ने बताया कि वर्ल्ड कप जीत कर भारत ने इतिहास बनाया। 140 करोड़ भारतीयों के लिए आज खुशी का दिन है। विराट कोहली, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, सूर्यकुमार यादव सभी खिलाड़ियों ने इस जीत में अपनी भूमिका निभाई। विजय के इस क्षण में टीम इंडिया के सामने देश नतमस्तक है।
क्रिकेट प्रेमी अनुभव शाही ने बताया कि मैच बहुत ही रोमांचक था। पूरे मैच के दौरान धड़कन बढ़ी हुई थी। एक समय तो लगा कि हम हार ही गए हैं लेकिन बुमराह और हार्दिक ने अहम मौकों पर विकेट लेकर टीम की वापसी करा दी। विराट, अक्षर और शिवम की पारियों ने हमें एक विनिंग टोटल तक पहुंचाया। अंत: हम 11 वर्षों के बाद एक आईसीसी ट्रॉफी जीत गए।
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