July 7, 2025

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गौरा चौकी गोंडा: निजी अस्पताल में गंभीर लापरवाही, नौ महीने की गर्भवती महिला का गर्भपात

गोंडा जिले के गौरा चौकी बाजार में एक निजी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही और आपराधिक कृत्य की सनसनीखेज खबर सामने आई है है। खबर सूत्रों के अनुसार, लगभग दस दिन पूर्व थाना खोड़ारे क्षेत्र की एक नौ महीने की गर्भवती महिला दवा लेने के लिए गौरा चौकी के एक निजी अस्पताल पहुंची थी। वहां मौजूद महिला डॉक्टर ने उसे ऐसी दवा दी, जिसके सेवन के बाद गर्भवती महिला को गर्भपात कराना पड़ा। इस घटना को स्थानीय लोग नौ महीने के विकसित भ्रूण की हत्या के समान मान रहे हैं, जिसके लिए अस्पताल संचालक और महिला डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी अस्पताल धड़ल्ले से चल रहा है

 

सबूत मिटाने की कोशिश 

सूत्र बताते हैं कि जब परिजन द्वारा इस लापरवाही की शिकायत अस्पताल संचालक से की गई, तो अस्पताल संचालक ने गुस्से में तिलमिलाते हुए वह पर्चा फाड़ दिया, जिस पर डॉक्टर ने दवा लिखी थी। आरोप है कि यह कदम सबूतों को नष्ट करने की साजिश थी। इस घटना ने न केवल अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं, बल्कि मेडिकल नैतिकता और जवाबदेही को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। नौ महीने की एक गर्भवती महिला तो किसी तरह बच गई लेकिन नौ महीने का मासूम दुनिया में कदम रखने से पहले ही उस डाक्टर की बलि चढ़ गया

 

स्थानीय लोगों में दिनभर रहा चर्चा

इस घटना से गौरा चौकी बाजार और आसपास के क्षेत्रों में दबी जुबान से लोगों में काफी चर्चा है कि इतना बड़ा कांड ऐसे छिप गया जैसे

नौ माह का बच्चा दुनिया में आने से पहले चल बसा और वह दुनिया नहीं देख सका, नौ महीने की गर्भावस्था में ऐसी लापरवाही न केवल अमानवीय है, बल्कि यह एक प्रकार की हत्या के समान है। निजी अस्पतालों में बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं।

 

स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल 

यह घटना गोंडा जिले में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली दवाओं में विशेष सावधानी बरतना अनिवार्य है, और इस तरह की लापरवाही मेडिकल नैतिकता का उल्लंघन है। प्रशासन से अपेक्षा है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और निजी अस्पतालों पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।