April 28, 2024

TNC Live TV

No.1 News Channel Of UP

ले-आउट अटकने से हताश थे आदित्य, बाहुबली का भी था दबाव, सुसाइड नोट से खुलासा

रियल एस्टेट कारोबारी आदित्य मिश्र की खुदकुशी के मामले में सुसाइड नोट से बड़ा खुलासा हुआ है। नोट में दावा किया गया है कि उनके प्रोजेक्ट संस्कार नगरम को सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिल पा रही थी। एलडीए से ले-आउट भी पास नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते वह बेहद हताश थे। इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली। साथ ही पता चला कि उनकी जमीन के पास ही पूर्वांचल के एक बाहुबली नेता की भी जमीन है। इसको लेकर बाहुबली का भी उन पर दबाव था। इस बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।

गोसाईंगंज के मलौली गांव निवासी आदित्य मिश्र (45) का रियल एस्टेट का कारोबार था। सुशांत गोल्फ सिटी में उनका दफ्तर था। वह इलाके में ढाई हजार एकड़ में संस्कार नगरम नाम से सनातन सिटी प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में लगे थे। सोमवार को आदित्य ने अपने दफ्तर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। उनकी डायरी में लिखा सुसाइड नोट मिला था। जिसमें उन्होंने साफ लिखा था कि खुदकुशी के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। ये भी लिखा था कि एनओसी न मिलने से वह परेशान हैं।

एडीसीपी साउथ शशांक सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में ही लिखा कि …बहुत मेहनत की लेकिन सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिली। अब सवाल है कि क्या यही एनओसी का न मिलना आदित्य के खुदकुशी करने का कारण बना।

प्रोजेक्ट के जाल में फंसे थे आदित्य

संस्कार नगरम प्रोजेक्ट करीब पांच सौ करोड़ रुपये का था। जमीन से लेकर पैसों के लेनदेन में तमाम चीजें फंसी हुई थीं। सूत्रों के मुताबिक आदित्य पर तमाम लोगों की बड़ी रकम बकाया थी। प्रोजेक्ट भी गति नहीं पकड़ पा रहा था। न कोई काम हो पा रहा था। इसलिए आदित्य तनाव में थे। आदित्य के तनाव में होने की बात उनके दोस्तों व परिजनों ने भी पुलिस को बताई थी।

फुटेज खंगाले, नहीं मिली संदिग्धता

डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आदित्य के दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिस कमरे में वह बैठते थे वहां कैमरा नहीं है। लेकिन, अन्य कैमरों को जब देखा गया तो उसमें किसी तरह की संदिग्धता नहीं पाई गई। डीसीपी का कहना है कि परिजन अगर कोई तहरीर देंगे तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

आगे क्या करना है, परिवार निर्णय लेगा

पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को आदित्य का शव गांव पहुंचा। जहां पूर्व मंत्री आरके चौधरी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजकिशोर रावत समेत बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे। आदित्य के चचेरे भाई मयंक ने कहा कि घटना को लेकर अभी हम लोग कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। सुसाइड नोट के गहन परीक्षण आदि के बाद परिवार के साथ निर्णय लेंगे कि मामले में आगे क्या करना है। पीएम रिपोर्ट में एक गोली लगने की हुई पुष्टि हुई है जो उनके गले से होते हुए पीछे से पार हो गई थी।

About The Author

error: Content is protected !!