सपा ने नगीना से पूर्व अपर जिला जज मनोज कुमार को उतारकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के लिए गठबंधन के दरवाजे बंद कर दिए हैं। चंद्रशेखर नगीना से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। सपा की चौथी सूची में पांच दलित और एक जाट प्रत्याशी हैं।
बिजनौर से प्रत्याशी बनाए गए यशवीर सिंह पेशे से इंजीनियर हैं। वह 2009 में सपा के टिकट पर नगीना से सांसद रह चुके हैं। 2019 के चुनाव के दौरान वह कुछ समय के लिए भाजपा में भी गए थे, हालांकि बाद में सपा में लौट आए। नगीना से टिकट पाने वाले मनोज कुमार ने कुछ समय पहले ही बिजनौर से अपर जिला जज के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी। मेरठ से प्रत्याशी बनाए गए भानु प्रताप सिंह सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और ईवीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। बताते हैं कि मेरठ में सपा के पुराने नेताओं के बीच कलह चरम पर थी, इसलिए सपा नेतृत्व ने यहां से दलित चेहरा उतारने का फैसला किया।
अलीगढ़ से प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह 2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। वह जाट समाज से हैं। हाथरस से प्रत्याशी जसवीर वाल्मीकि समाजवादी पार्टी के सक्रिय नेता हैं। दो बार सांसद रह चुके और अब लालगंज से प्रत्याशी दरोगा सरोज सपा का दलित चेहरा माने जाते हैं। सपा की चौथी सूची में भदोही सीट तृणमूल कांग्रेस को दी गई है। वहीं त्रृणमूल कांग्रेस ने भदोही से पूर्व सीएम कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को टिकट दे दिया है। ललितेश काफी पहले कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वह मिर्जापुर मड़िहान सीट से वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं।
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