पुष्प-वर्षा, पटाखों की गूँज और गगनभेदी जयकारों से सजा श्रीराम विवाहोत्सव
मनकापुर (गोंडा), 25 नवम्बर
कार्तिक शुक्ल पंचमी के पावन पर्व पर मंगलवार को मनकापुर नगर भगवान श्रीराम की बारात बनकर झूम उठा। ऐसा लगा मानो त्रेता युग लौट आया हो और स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम राम अपने तीनों भाइयों के साथ माता जानकी को लेने जनकपुर से चलकर मनकापुर पहुँचे हों।
शाम होते-होते शहर की हर गली, हर चौराहा राममय हो गया। मुख्य मार्गों से होकर निकली भव्य राम-बारात की झांकियाँ देखते ही बनती थीं। भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मनमोहक सजीव झांकियों के साथ बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े और घोड़ों-हाथियों की शोभायात्रा ने पूरे नगर को बाराती बना दिया।

बारात के आगे-आगे छोटे-छोटे बच्चे भजन और नाच-गाने पर थिरकते चल रहे थे तो पीछे-पीछे सैकड़ों माताएँ-बहनें मंगल गीत गाते चल रही थीं। रास्ते में जगह-जगह नगरवासियों ने फूलों की वर्षा की, गोले-पटाखे चलाए और आरती उतारकर बारातियों का भावपूर्ण स्वागत किया। “जय सिया राम”, “जय श्री राम” के नारे आसमान को चीरते रहे। बारात की यह दिव्य छटा देखकर कई लोग भावुक हो गए और उनकी आँखें भर आईं।
विवाह मंडप को फूलों की मालाओं, रंग-बिरंगी लाइटों और केले के खंभों से इतनी सुंदरता से सजाया गया था कि वह किसी स्वर्ग-लोक सरीखा प्रतीत हो रहा था।
बारात में कदम से कदम मिलाकर चलने वालों में प्रमुख रूप से पंडित राम छवि, राधेश्याम मिश्रा, सभासद शास्त्री नगर वैभव सिंह, श्रवण कुमार, दिवाकर सिंह, गुड्डू वर्मा, रामकुमार, मनीष वर्मा, रमाशंकर कसौधन, आर.के. नारद, मुकेश चौबे, अभिषेक गुप्ता, दुर्गेश कसौधन, आशीष गुप्ता, सुनील, सत्यम, शिवम शर्मा, अमन गुप्ता, दिव्या दिव्यदर्शनी, शिवा प्रियदर्शनी, किरन देवी सहित भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता एवं नगर के हजारों गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
नगरवासियों ने एक स्वर से कहा कि सदियों पुरानी यह परंपरा आज भी जीवंत है और ऐसे आयोजन हमें हमारी सनातन संस्कृति से जोड़े रखते हैं। शाम ढलते-ढलते पूरा मनकापुर “राम आएंगे” के जयघोष से गूँजता रहा और नगरवासी घर लौटे तो उनके मन में श्रीराम की बारात की यादें बस गईं।

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