
अयोध्या। मंगलवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश से अयोध्या धाम सहित शहर के कई मोहल्लों में भीषण जलभराव हो गया। जलवानपुरा मोहल्ले में एक बार फिर घरों में पानी घुस गया। कई मकानों में घरेलू सामान, बेड, फ्रीज, सोफा आदि खराब हो गए हैं। हनुमानगढ़ी चौराहे पर भी जलभराव हो गया। सिर्फ रामपथ ही नहीं, अन्य मार्गों पर सड़क धंसने और बड़े-बड़े गड्ढे होने से आवागमन बाधित हो गया।
मानसून की पहली बरसात होने के बाद इन सड़कों के निर्माण में हुए खेल की कहानी भी खुल गई। इन मार्गों पर रामपथ को दुरुस्त करने जैसी सरकारी तत्परता नहीं दिखी। बालू और गिट्टी तो डाल दी गई, लेकिन दोपहर बाद तक गड्ढों को पाटा नहीं जा सका। उधर, अयोध्या के रामघाट, कौसलेस कुंज, देवकाली रामपथ सहित ज्यादातर मोहल्लों में पानी भरने से सीवर लाइन चोक हो गईं। शहर के मुख्य मार्ग ही नहीं, अंदर मोहल्लों का भी यही हाल है। निराला नगर नवीन मंडी, अश्विनी पुरम, धनीराम का पुरवा मोहल्ले में बारिश से जलभराव हो गया।
रिकाबगंज मार्ग शनिवार को भी कई जगह धंस गया था। गिट्टी और बालू डालकर गड्ढों को भरा गया था। मंगलवार को फिर इन सभी स्थान पर सड़क धंस गई। इसके अलावा रामपथ पर गुदड़ी बाजार, साहबगंज पुलिस चौकी और उदया चौराहे के पास भी सड़क में गड्ढे हो गए। पुराना भाजपा कार्यालय रोड पर और पुलिस लाइन के पास भी सड़क बारिश में धंस गई है। अयोध्या धाम में कोतवाली अयोध्या के पास सड़क करीब दो फीट तक धंसी है।
रीडगंज तिराहा, पुलिस लाइन में एसपी ग्रामीण आवास के पास, सिविल लाइन में रेलवे स्टेशन मोड और एसएसपी आवास के पास, रामकोट में रंगमहल बैरियर के सामने सड़क धंस गई। नगर निगम की गाड़ी इसी गड्ढ़े में फंस गई। रंगमहल बैरियर से ही वीआईपी पास धारक श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाता है। सड़क धंसने व जलभराव होने से श्रद्धालुओं को भी परेशानी हुई। जलकल परिसर भी बारिश में लबालब हो गया।
श्रीराम अस्पताल की दीवार ढही
बारिश के चलते श्रीराम अस्पताल की दीवार ढह गई। इससे इमरजेंसी, एक्स-रे रूम और किचन में पानी पहुंच गया। अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी वाईपी सिंह ने बताया कि दीवार काफी पुरानी थी। अस्पताल में आकिस्मक, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की सेवाएं प्रभावित हुईं। मरीजों को समय पर भोजन भी नहीं दिया जा सका।
जलवानपुरा के वाशिंदों का दर्द
जलवानपुरा निवासी बिन्नू श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे घर में पानी भर गया। कई घंटे तक पानी में रहने के कारण बेड खराब हो गए। फ्रीज ने काम करना बंद कर दिया है। गृहस्थी के अन्य सामान पानी में तैरने लगे। शिव नारायण गुप्ता के पूरे घर में पानी भर गया। गृहस्थी के सामान पानी में तैरने लगे। किसी तरह बेड के ऊपर बैठकर रात बिताई। सुबह होने पर टब व बाल्टी के सहारे घर में भरे पानी को निकाला गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद पानी निकाला जा सका। योगेंद्र तिवारी व आशुतोष मिश्रा के घर में भी पानी भर गया था। आशुतोष का कहना है कि हर बार जलवानपुरा में जलभराव की समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सरकारी दफ्तर तक नहीं बचे, हालात खराब
बारिश के चलते बीएसए कार्यालय के अंदर पेड़ गिर गया। जल निकासी न होने के कारण बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय, पीडब्ल्यूडी कार्यालय और जिला पशु चिकित्सालय सहित कई कार्यालय में पानी भर गया है। सिविल लाइन में पुलिस लाइन अमृत सरोवर जैसा दिखने लगा। यही हाल बिजली विभाग के दफ्तर का रहा। अमानीगंज में बिजली उपकेंद्र जलभराव से लबालब हो गया। यहां पर रखे नए ट्रांसफार्मर भी पानी में डूब गए। सबसे बुरी स्थिति शहर के धनीराम का पुरवा, जनौरा, नाका, बड़ी देवकाली, अश्विनी पुरम वार्ड और ऐसे ही कई मोहल्लों और कालोनियों का हुआ।
बिजली गिरने से चार भैंसों की मौत
बिजली गिरने से मांझा जमथरा निवासी किसान कृष्ण यादव की चार भैंसों की मौत हो गई। भैंसों की कीमत दो लाख से ऊपर बताई जा रही है।
जलवानपुरा में बारिश के पानी से हुए जलभराव के बीच से होकर गुजरते संत व अन्य।
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