हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। हादसे पर मंगलवार की देर रात पुलिस की ओर से सिकंदराराऊ कोतवाली में आयोजकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अनुमति से अधिक भीड़ एकत्रित करने, सामूहिक हत्या आदि के संगीन आरोप में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। इस बीच सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ एसपी सिंह उर्फ साकार विश्व हरि की कुंडली खंगाल रही है। प्राथमिक पड़ताल में सामने आया कि नारायण साकार हरि को 24 साल पहले मृत किशोरी को पुनर्जीवित करने का दावा करने के लिए गिरफ्तारी हुई थी।
सिपाही से ‘चमत्कारी बाबा’ बनने वाले सूरजपाल सहित सात लोगों पर 18 मार्च 2000 को थाना शाहगंज में केस दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी भी की गई थी। श्मशान घाट में 24 साल पहले एक किशोरी को मलका चबूतरा में जिंदा करने की कोशिश की गई थी।
पुलिस के पहुंचने पर बवाल हुआ था। पुलिस ने बल प्रयोग कर कथित बाबा के कई अनुयायियों को हिरासत में लिया था। पहले चार्जशीट लगाई थी। बाद में फाइनल रिपोर्ट लग गई। मूलरूप से बहादुर नगर, पटियाली एटा निवासी सूरजपाल खुफिया विभाग (एसपीआर कार्यालय) में सिपाही थे।
विभाग से जुड़े पूर्व कर्मचारी ने बताया कि सूरजपाल साथ में काम करते थे। 1990 के दशक की बात है। तब उनका आना-जाना अर्जुन नगर, शाहगंज में आयोजित होने वाले एक सत्संग से हो गया। तब से ही उन्होंने नौकरी से नाता तोड़ दिया।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद खुद सत्संग शुरू कर दिया। उनसे बड़ी संख्या में लोगों की आस्था जुड़ गई। उनके आने पर पहले अनुयायी आते थे। सत्संग में भीड़ जुटती थी। 17 वर्षीय स्नेहलता एसपी सिंह के साले मेवाराम की बेटी थी।
बाबा उस समय केदार नगर स्थित मकान संख्या डी-55 में रहते थे। एसपी सिंह खुद नि:संतान थे। उन्होंने साले की बेटी को गोद लिया था। 16 मार्च 2000 को स्नेहलता की फतेहगढ़ में कैंसर से मृत्यु हो गई। उसी दिन शव को केदार नगर लेकर आए थे। बाबा के मकान पर किशोरी को जीवित करने का प्रयास किया जा रहा था।
पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक किशोरी को चमत्कार से जीवित करने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटी हुई है। इसकी जानकारी पर 18 मार्च 2000 को पुलिस पहुंची थी। पुलिस के पहुंचने पर बाबा के अनुयायी भड़क गए। उन्होंने पथराव कर दिया। पुलिसकर्मियों को चोट लगी। पुलिस ने लाठियां चलाने के बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल को गिरफ्तार कर लिया था।
लोगों के बीच ऐसी चर्चाएं सिकंदराराऊ हादसे के बाद तेज हो चली हैं। पटियाली का इलाका बाबाओं के लिए काफी प्रसिद्ध है। छोटे छोटे मंदिर मठों पर भी तंत्र साधना कई बाबाओं के द्वारा की जाती है। पूर्व में आपराधिक घटनाओं के सिलसिले में कई बाबा पुलिस की चंगुल में भी आ चुके हैं।
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