प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संतकबीरनगर जिले के बहुचर्चित हरिहरपुर गोलीकांड मामले में पूर्व चेयरमैन बृजेश पाल, उनके बेटे देवेश उर्फ सोनू पाल और रमन पाल को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। बुधवार को न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को तुरंत ट्रायल कोर्ट में समर्पण करने का आदेश दिया, अन्यथा पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजेगी।
यह मामला 24 अक्टूबर 2006 का है, जब संतकबीरनगर के महुली थाना क्षेत्र में चुनावी रंजिश के चलते हरिहरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रविंद्र प्रताप शाही उर्फ पप्पू शाही पर हमला हुआ था। इस हमले में उनके चचेरे भाई पंकज कुमार शाही (25) की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि धर्मेंद्र प्रताप शाही गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पप्पू शाही की तहरीर पर पुलिस ने बृजेश पाल, देवेश पाल और रमन पाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
बस्ती की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फरवरी 2008 में रमन पाल और देवेश पाल को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी, लेकिन बृजेश पाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ दोषियों ने सजा रद्द करने और सरकार व मृतक पक्ष ने बृजेश की रिहाई के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट ने सरकार की अपील स्वीकार करते हुए निचली अदालत के बृजेश पाल को बरी करने के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सबूतों की गलत व्याख्या की थी। हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। रमन पाल और देवेश पाल, जो पहले से उम्रकैद की सजा काट रहे थे और जमानत पर बाहर थे(cm), अब उन्हें भी कोर्ट में समर्पण करना होगा।
इस फैसले ने 19 साल पुराने इस चर्चित मामले में इंसाफ की उम्मीद जगाई है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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