September 20, 2025

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कासगंज में युवक की हत्या के बाद हंगामा, आरोपियों के घर में तोड़फोड़ और आगजनी की कोशिश, गांव में पीएसी तैनात

कासगंज

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र के नवाबगंज नगरिया गांव में बुधवार, 3 सितंबर 2025 को 35 वर्षीय राजकुमार की चाकू से गोदकर हत्या के बाद गुरुवार को भारी बवाल हो गया। आक्रोशित भीड़ ने हत्या के आरोपियों असलम, शमशुल और इरशाद के घरों में तोड़फोड़ की और उनके भाई जाकिर के घर में आग लगाने की कोशिश की। पुलिस ने धुआं उठता देख तुरंत आग बुझाई और स्थिति नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा। तनाव को देखते हुए गांव में पीएसी सहित कई थानों का फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

घटना के बाद बुधवार रात डीएम प्रणय सिंह, एसपी अंकिता शर्मा और एएसपी राजेश भारती ने गांव पहुंचकर लोगों को शांत कराया, लेकिन गुरुवार सुबह भीड़ ने फिर से सड़क जाम कर दी। भीड़ ने आरोपियों को फांसी देने और उनके घरों पर बुल्डोजर चलाने की मांग की। पुलिस ने समझाइश देकर जाम खुलवाया, लेकिन दोपहर में एक हिंदूवादी संगठन के कथित नेता के पहुंचने के बाद भीड़ फिर उग्र हो गई। आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घरों का गेट तोड़कर सामान फेंक दिया और तोड़फोड़ की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रित किया।

एसपी अंकिता शर्मा ने बताया कि बुधवार रात पुलिस ने हत्या के दो आरोपियों, असलम और शमशुल, को बूढ़ी गंगा पुलिया के पास मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। तीसरे आरोपी इरशाद को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। सीओ पटियाली संतोष कुमार, सीओ सहावर शाहिदा नसरीन और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। पूर्व भाजपा अध्यक्ष केसी सिंह और पूर्व विधायक ममतेश शाक्य ने भी भीड़ को शांत कराने में मदद की।

राजकुमार की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी बबीता रोते-रोते बेहोश हो गईं, जबकि बेटे और मां सहित अन्य परिजनों का बुरा हाल था। पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को शव गांव पहुंचने पर चीख-पुकार मच गई। परिजनों ने शव रखकर सड़क जाम करने की कोशिश की और आरोपियों को सख्त सजा व उचित मुआवजे की मांग की। एसडीएम प्रदीप कुमार विमल ने मुआवजे का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया। शाम को पुलिस की निगरानी में राजकुमार का अंतिम संस्कार किया गया।

घटना के बाद गांव में तनाव के चलते दूसरे समुदाय के लोग घर छोड़कर चले गए। कई तांगा संचालक और पशुपालकों के पशु भूखे-प्यासे रहे। गांव में मस्जिद और अन्य समुदाय के घरों के पास पुलिस तैनात है। ड्रोन से गांव की निगरानी की जा रही है। अमांपुर विधायक हरिओम वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा और पूर्व चेयरमैन राजेंद्र बौहरे ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया।