मंगलवार, 02 दिसंबर 2025,
शामली। जिले में प्रेम जाल और सोशल मीडिया के जरिए युवतियों को ऊँचे प्रोफेशन का लालच देकर ठगने का सिलसिला तेज हो गया है। खुद को MBBS डॉक्टर, इंजीनियर या टीचर बताने वाले युवक शादी के बाद प्राइवेट कंपाउंडर, कार ड्राइवर, किसान या बेरोजगार निकल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में वन स्टॉप सेंटर, शामली में ऐसे 5 मामले दर्ज हो चुके हैं। सभी मामले प्रेम विवाह के हैं, जिनमें लड़के ने अपनी असली पहचान छिपाई।
वन स्टॉप सेंटर प्रभारी गजाला त्यागी ने बताया कि ज्यादातर शिकायतें पढ़ी-लिखी लड़कियों की आ रही हैं, जो पोस्ट ग्रेजुएट तक शिक्षित हैं। उन्होंने अभिभावकों और युवतियों से अपील की है कि शादी से पहले लड़के की पूरी बैकग्राउंड वेरिफिकेशन जरूर कराएं। बिना परिवार की सहमति के प्रेम विवाह में जल्दबाजी न करें।
दर्ज हुए पांच मामले, चार के नाम सामने
- डॉक्टर बना कंपाउंडर सहारनपुर के बेहट की पोस्ट ग्रेजुएट युवती सारिका ने जून 2025 में शामली के एक युवक से लव मैरिज की थी। युवक ने खुद को MBBS डॉक्टर बताया था। शादी के बाद पता चला कि वह केवल एक प्राइवेट क्लिनिक में कंपाउंडर है। फिलहाल काउंसलिंग चल रही है।
- दिल्ली का इंजीनियर निकला किसान जलालाबाद की राधिका की शादी 3 अप्रैल 2025 को काजीवाड़ा (शामली) के युवक से हुई। लड़के ने दिल्ली की बड़ी कंपनी में सिविल इंजीनियर होने का दावा किया था। अब खुलासा हुआ कि वह खेतों में खेती करता है। सच सामने आने पर ससुराल वालों ने मारपीट शुरू कर दी। पीड़िता ने वन स्टॉप सेंटर में शरण ली है।
- प्राइवेट स्कूल टीचर निकला खेत मजदूर कैराना की साजिदा ने तीन महीने पहले प्रेम विवाह किया। पति ने खुद को प्राइवेट स्कूल में स्थायी शिक्षक बताया था। अब पता चला कि उसके पास कोई फिक्स्ड जॉब नहीं है और वह कभी-कभी खेतों में मजदूरी करता है। विरोध करने पर मारपीट हो रही है। काउंसलिंग के बाद भी मामला सुलझा नहीं है।
- इंजीनियर बना ड्राइवर थानाभवन क्षेत्र की अंजलि ने 6 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति शादी से पहले खुद को इंजीनियर बता रहा था, लेकिन असल में वह एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर है।
पांचवाँ मामला भी इसी तरह का है, जिसमें विवाहिता ने अभी अपना नाम उजागर नहीं किया है।

अधिकारी बोले – पहले जांच, फिर शादी
वन स्टॉप सेंटर प्रभारी गजाला त्यागी ने कहा, “आजकल सोशल मीडिया और मैट्रिमोनियल साइट्स पर फेक प्रोफाइल बनाकर लड़कियाँ फंसाई जा रही हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि काउंसलिंग से मामलों का निपटारा हो जाए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस केस भी दर्ज कराया जाएगा।”
पुलिस का कहना है कि अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, क्योंकि ज्यादातर पीड़िताएँ काउंसलिंग से ही समझौता करना चाहती हैं। लेकिन अगर धोखाधड़ी और मारपीट के सबूत मिले तो 420, 406 और दहेज एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
शामली जिले में इस तरह के फर्जीवाड़े की शिकायतें पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पढ़ी-लिखी लड़कियाँ अच्छा जीवनसाथी चाहती हैं, और ठग इसी भावना का फायदा उठा रहे हैं।


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