
कानपुर में स्टे खत्म होने के बाद भी कैंट स्थित नियंत्रणालय गुणता आश्वासन (डीजीक्यूए) कॉम्प्लेक्स में करीब तीन साल से नौकरी कर रहे पांच बाबुओं को बर्खास्त कर दिया गया है। सात साल पहले हुई भर्ती में इन लोगों को गलत तरीके से पास कर नौकरी दे दी गई थी। शिकायत के बाद आंतरिक जांच में दोषी पाए जाने पर इन्हें हटा दिया गया था।
इसके बाद ये लोग केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) इलाहाबाद से स्टे (स्थगनादेश) ले आए थे। डीजीक्यूए में 2016 में क्लर्क के पांच पदों पर भर्ती निकाली गई थी। स्क्रीनिंग के बाद 960 लोगों ने परीक्षा दी थी। परिणाम आने से पहले ही इन पांच लोगों के नाम उजागर हो गए थे। आरोप था कि इनके नंबर बढ़ाकर इन्हें पास किया गया और नौकरी दे दी गई। परीक्षा में शामिल कुछ अन्य अभ्यर्थियों ने विभाग में इसकी शिकायत की थी।
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