
बाहुबली सांसद व पूर्व सांसद में लेटर वॉर जारी, प्रभात वर्मा बने मोहरा
ग़ोण्डा ।गोंडा में भारतीय जनता पार्टी के बुरे दिन आ गए हैं। बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और गोंडा भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के पिता व पूर्व सांसद कुंवर आनंद सिंह में गौरा विधानसभा 301 के विधायक प्रभात वर्मा को लेकर घमासान मची है। सांसद और पूर्व सांसद में लेटर वॉर चल रहा है। दरअसल, गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के पिता कुंवर आनंद सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर गौरा विधानसभा के भाजपा विधायक प्रभात वर्मा को “लुटेरा” बताते हुए टिकट काटने का आग्रह किया था। पत्र वायरल होने के 12 घंटे बाद ही इस लड़ाई में विधायक प्रभात वर्मा के पक्ष में कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कूद पड़े। बृजभूषण में भी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कुंवर आनंद सिंह पर जमीन कब्जाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए और प्रभात को टिकट देने की सिफारिश की।
कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व सांसद कुंवर आनंद सिंह के पत्र के जवाब में लिखा कि, पूर्व सांसद आनन्द सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट कृषि मंत्री थे और 1971 से 1991 तक लगातार गोण्डा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं। आनन्द सिंह का परिचय सिर्फ इतना बताना चाहता हूँ कि ये गोण्डा के भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के पिता हैं और गोण्डा में सपा कैसे स्थापित हो इसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव ने आनन्द सिंह को दी है। इन्होंने जो पत्र आपको भेजा है। उसमें गौरा विधानसभा के विधायक प्रभात वर्मा को चुनाव न लड़ाने और टिकट न देने की मांग आपसे की है, इस पत्र के पीछे का मर्म मकसद और छटपटाहट से पार्टी को अवगत कराना, मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ। इसलिए संक्षिप्त रूप में कुछ तथ्यों का उल्लेख करते हुए यह पत्र आपको सादर प्रेषित कर रहा हूँ।
गोण्डा लोकसभा सीट पर 21 साल तक अजेय योद्धा रहे आनन्द सिंह के तानाशाही, अलोकतांत्रिक व्यवहार एवं अपने राजनैतिक प्रतिद्वन्दियों को नेस्तनाबूत करने जैसे क्रिया कलाप से ऊबी जनता ने 1991 में इन्हें बुरी तरह से चुनाव हराया था और जनता ने गोण्डा में लोकतंत्र बहाल करने के लिए मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को लोकसभा में भेजा था। उसके बाद 1996 में इनकी साजिश के चलते मैं चुनाव नहीं लड़ पाया तब मेरी पत्नी ने इनको भारी अंतर से चुनाव हराया था, जनता के द्वारा लगातार मुझे प्राप्त हुए आशीर्वाद के कारण आनन्द सिंह और उनके परिवार के राजनीति का बर्चस्व गोण्डा की जनता द्वारा उपेक्षित और तिरस्कृत किया जा चुका था और इनकी प्रताड़ना से ऊबे हुए लोग जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी बाजपेयी जी के सहयोगी, जनसंघ से जुड़े हुए हजारो वरिष्ठ कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी से नाता रखने वाले इनकी प्रताड़ना से पीड़ित कार्यकर्ता व नेता खुद को आजाद महसूस करने लगे थे, तभी 2012 में आनन्द सिंह ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और गौरा विधानसभा सीट से विधायक और मंत्री बन गए। मंत्री पद पर रहते हुए इन्होने करोड़ो रूपए की जिला पंचायत की सरकारी सम्पत्ति फाड करते हुए अपने नाम करा ली और नगर पालिका मनकापुर की सीमा में कई एकड़ जमीन जो डाक विभाग, दूरसंचार विभाग, मदरसा, सरकारी स्कूल, तालाब की थी उस पर जबरदस्ती कब्जा करते हुए अपने व्यक्तिगत उपयोग में लेकर लाखो रूपए महीने की किराएदारी पर उठा दिया है। दूसरा राजनैतिक मोड़ 2014 में आया जब आनन्द सिंह के सपा में मंत्री रहते हुए इनके पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने गोण्डा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और 2014 से अब तक पुत्र भारतीय जनता पार्टी से सांसद और उनके पिता आनन्द सिंह गोण्डा में समाजवादी पार्टी के पालनहार है।
दोनो व्यक्ति अब भी एक ही परिवार में रहते हैं, दोनो एक ही घर में रहते हैं, दोनो लोग एक ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर चाय नाश्ता व खाना पानी खाते-पीते हैं। राजनीति की इस भ्रमकारी स्थिति से गोण्डा की जनता आशंकित हैं और कार्यकर्ता चिन्तित है।
आनन्द सिंह के द्वारा प्रेषित को पढ़ने से स्पष्ट झलकता है कि किस प्रकार उनके मन में विधायक बनने की चाह है उन्होने अपने पत्र में स्वयं लिखा है कि राजनैतिक रूप से उन्होने सन्यास ले लिया है और यदि भारतीय जनता पार्टी ने गौरा विधानसभा से विधायक प्रभात वर्मा का टिकट नहीं काटा तो वह स्वयं चुनाव मैदान में उतरेंगे। मैं इस पत्र के माध्यम से आपको अवगत कराते हुए आनन्द सिंह को खुली चुनौती देना चाहता हूँ कि वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर गौरा विधानसभा से चुनाव लड़ें और मैं दावा करता हूँ कि गौरा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास दर्जनों ऐसे साधारण कार्यकर्ता मौजूद हैं जिसमें से किसी भी व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी तो मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि पार्टी किसी सामान्य कार्यकर्ता को इनके खिलाफ चुनाव लड़ाएगी तो आनन्द सिंह को हार का मुंह देखना पड़ेगा। शायद यही वजह है कि अपनी हार के भय से गौरा के विधायक प्रभात वर्मा से भयभीत होकर पूर्व सांसद आनन्द सिंह ने यह स्वांग रचते हुए आपको पत्र प्रेषित किया है। मैं इनकी चुनौतियों का स्वागत करता हूँ और आपसे आग्रह करता हूँ कि गोण्डा के राजनीति में लोकतंत्र दुबारा किसी राजघराने में कैद न हो जाए इसलिए पत्र में वर्णित तथ्यों को गम्भीरता प्रदान करते हुए आने वाले समय में प्रत्याशियों के चयन में पैनी नजर रखने की कृपा करें, जिससे आनन्द सिंह के राजनैतिक खडयंत्र से भारतीय जनता पार्टी को गोण्डा मे कोई नुकसान न होने पावे।
84 total views