गोरखपुर में सूदखोरों का जाल शहर से लेकर गांव-कस्बों तक फैल गया है। सूद और सूदखोरों के चक्कर में एकबार जो पड़ा, फिर उनके जाल से निकल पाना मुश्किल है। इसके चक्कर में कइयों ने अपनी जिंदगी तक गंवा दी। सहजनवां इलाके में हुई घटना में भी सूदखोरों से आजिज आकर आत्मघाती कदम उठाने की बात सामने आ रही है।
बताया जा रहा है कि रामानंद ने जो कर्ज लिया, उसके चक्कर में उनका सबकुछ बिक गया, लेकिन कर्ज वहीं का वहीं रहा। पुलिस को रामानंद के परिजनों ने बताया कि उसने हुंडा पर खेत लिया, फिर घाटा हो गया। इसके बाद उसने जमीन को नौ लाख रुपये में बेच दिया।
जिस रुपयों से उसने कर्ज चुकाया और पोल्ट्री फार्म खोली, लेकिन उसमें भी घाटा हो गया, इससे उबरने के लिए उसने फिर कर्ज ले लिया। इसी आर्थिक तंगी को लेकर घर में कलह हो रही थी, जिस वजह से उसने सबको जहर देने का फैसला किया।
हालांकि, शनिवार की रात में घटना होने के बाद से रविवार दोपहर तक किसी ने भी पुलिस को घटना की जानकारी नहीं दी थी। रविवार दोपहर बाद घटना की जानकारी होने के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचे एसओ सहजनवां मदन मोहन मिश्रा ने सभी का बयान दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।
पहले बताया सूदखोरी फिर घरेलू विवाद..गुत्थी सुलझाने में उलझी पुलिस
सहजनवां में चार बच्चों, पत्नी को जहर देकर शनिवार की रात खुद जहर निगलने वाले रामानंद के अलग-अलग बयानों ने पुलिस को उलझा दिया है। पहले रामानंद और उसके भाई अशोक ने बताया कि सूदखोरों से परेशान होकर उसने ऐसा कदम उठाया।
जब पुलिस ने बयान दर्ज करना शुरू किया तो वह उसे घरेलू विवाद बताने लगा। उसने बताया कि पोल्ट्री फार्म, हुंडा पर खेत लेकर वह आर्थिक तंगी में आ गया था, जिस वजह से आए दिन पत्नी से विवाद हो रहा था। इससे तंग आकर उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। अब पुलिस घटना की गुत्थी सुलझाने में जुटी है। फिलहाल, सभी के स्वस्थ होने का इंतजार है। बच्चों की स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
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