बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए काम करने वाली संस्था- NCPCR ने उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। वेबसाइट पर आपत्तिजनक कंटेंट और फतवा जारी करने के मामले में एनसीपीसीआर के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को पत्र लिखा है। कानूनगो ने दारुल उलूम देवबंद पर FIR का निर्देश देते हुए कहा कि इनके फतवे में आतंकी संगठन- गजवा-ए-हिंद का जिक्र आपत्तिजनक है।
फतवा को लेकर प्राथमिकी और सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए एनसीपीसीआर प्रमुख ने कहा कि दारुल उलूम ने गजवा ए हिंद को वैध संस्था करार दिया। इस्लामिक शैक्षणिक संस्थान- दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर कथित आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। प्रियांक कानूनगो ने सहारनपुर एसएसपी को लिखे पत्र में कहा कि देवबंद की वेबसाइट पर प्रकाशित फतवे में लिखी गई बातें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के लिए चिंताजनक हैं।
कानूनगो ने कहा कि देवबंद के फतवे में ‘गज़वा-ए-हिंद’ की अवधारणा पर चर्चा की गई है। यह कथित तौर पर ‘भारत पर आक्रमण और शहादत’ का महिमामंडन करता है। एसएसपी को लिखे पत्र में उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 75 के कथित उल्लंघन पर भी जोर दिया।
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