December 12, 2024

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Bareilly: बारिश में डूबे रास्ते, बिजलीघर में भी भरा पानी, बहगुल नदी उफनाई… काटना पड़ा कच्चा बांध

बरेली जिले में बुधवार को मूसलाधार बारिश हुई। शीशगढ़ इलाके में बारिश के कारण बुधवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। जगह-जगह पानी भरने से आवागमन में परेशानी हुई। वहीं, बिजली आपूर्ति का फ्यूज उड़ने की वजह से भी लोगों को परेशान होना पड़ा। पश्चिमी बहगुल नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद नदी पर खमरिया गांव के पास बना अस्थायी बांध ग्रामीणों ने काट दिया। इस बांध का निर्माण क्षेत्र के किसानों ने ही आपसी सहयोग से किया था।

वर्ष 2016 से पश्चिमी बहगुल नदी पर खमरिया गांव के पास किसान कल्याण समिति की ओर से प्रतिवर्ष अक्टूबर माह में कच्चा बांध बनाया जाता है। यहां से बहेड़ी और मीरगंज के साथ रामपुर की बिलासपुर तहसील के सैकड़ों गांवों के किसानों की फसलों की सिंचाई मुफ्त में होती है। बांध बनाने के लिए आसपास के किसान ही चंदा देते हैं।

इस बार भी किसानों ने खुद ही बांध बनाया। मानूसनी बारिश शुरू होने के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। इस वजह से पानी किसानों के खेतों में भर रहा है। पानी भरने से फसलों को नुकसान होने की आशंका को देखते हुए बांध का कुछ हिस्सा काटकर पानी निकास कर दिया गया। पूर्व एमएलसी जयदीप सिंह बरार ने बताया कि यहां पक्का बांध न बनने से हर साल ग्रामीणों की मदद से बांध बनाया जाता है।

 

बिजलीघर में पानी भरा पानी 
शीशगढ़ के जाफरपुर बिजलीघर में पानी भरने से यहां से आपूर्ति बंद कर दी। बिजलीघर से पोषित गांवों में लोगों को कटौती का सामना करना पड़ा। दिनभर बिजली न आने की वजह से इन्वर्टर भी डिस्चार्ज हो गए। शाम के समय मोमबत्ती जलाकर लोगों ने खाना बनाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिजलीघर निचले इलाके में बना है। आसपास के नालों की सफाई न होने से यह चोक हो गए हैं।

थोड़ी सी बारिश में पानी बिजलीघर में भर जाता है। नतीजतन लोगों को कटौती का सामना करना पड़ता है। हर साल बारिश के दौरान यह समस्या आती है। इसके बाद भी अब तक जिम्मेदार इसका समाधान नहीं निकाल पाए हैं। अवर अभियंता गिरीश कुमार ने बताया कि पानी भरने से करंट का खतरा रहता है। इस वजह से आपूर्ति बंद करनी पड़ती है।

बारिश की वजह से रिछा बिजलीघर से पोषित रिछा इंडस्ट्रियल एरिया समेत आसपास के गांवों में बिजली गुल रही। रिछा इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली आपूर्ति का मुद्दा मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में भी उठ चुका है। बावजूद अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। वहीं, देवरनियां, मुंडिया जागीर और सेमीखेड़ा के लोगों को भी जलभराव से जूझना पड़ा। कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय, राजकीय पशु चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी पानी भर गया। स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत के जिम्मेदारों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।