सांकेतिक तस्वीर
बभनजोत गोंडा
गोंडा जिले के बभनजोत विकासखंड क्षेत्र में यूरिया खाद की खरीद को लेकर किसानों के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र की विभिन्न खाद की दुकानों पर दुकानदारों की मनमानी अपने चरम पर है। किसान जब मेहनत से जुटाए गए पैसों के साथ यूरिया खाद खरीदने दुकानों पर पहुंचते हैं, तो उन्हें जबरन जिंक और सल्फर जैसे अन्य उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस मनमानी के चलते किसानों की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, और वे अपनी जरूरत के अनुसार खाद नहीं खरीद पा रहे हैं।
किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे दुकानदार
बभनजोत क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने बताया कि इस वक्त खेती के लिए यूरिया खाद अत्यंत आवश्यक है, लेकिन दुकानदार उनकी इस मजबूरी का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।खाद दुकानदारी चलाने वालों का भय इतना है कि किसान दुकानदारों का नाम लेने से भी भय खाते हैं
नाम न छापने की शर्त पर दर्जनों गांवों के किसानों ने बताया, “हम लोग यूरिया लेने जाते हैं, लेकिन दुकानदार कहते हैं कि यूरिया के साथ जिंक और सल्फर भी लेना पड़ेगा। अगर हम मना करते हैं, तो वे यूरिया देने से इनकार कर देते हैं।”बभनजोत क्षेत्र के कई किसान इस जबरदस्ती से परेशान हैं, क्योंकि उनके पास अतिरिक्त उर्वरक खरीदने के लिए बजट नहीं होता। दुकानदार खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं, और हमें मजबूरी में उनकी शर्तें माननी पड़ रही हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश, फिर भी नहीं रुक रही मनमानी
पिछले साल नवंबर 2024 में गोंडा के जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खाद की कालाबाजारी और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए थे। 140 सहकारी समितियों के लिए 67 सचिवों का रोस्टर बनाया गया था, ताकि उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो और किसानों को खाद आसानी से उपलब्ध हो। इसके बावजूद, बभनजोत क्षेत्र में दुकानदारों की मनमानी जारी है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
डेस्क टीम गोंडा

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