October 9, 2025

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कानपुर: अखिलेश दुबे, लवी मिश्रा और रवि सतीजा के बीच कई बार हुई बातचीत, सीडीआर में खुलासा

कानपुर | 20 अगस्त 2025

कानपुर में भाजपा नेता रवि सतीजा द्वारा बर्रा थाने में दर्ज कराए गए रंगदारी और धमकी के मामले में नया मोड़ आया है। जांच अधिकारी ने कोर्ट में केस डायरी पेश की, जिसमें अखिलेश दुबे, उनके सहयोगी आयुष उर्फ लवी मिश्रा और रवि सतीजा के बीच कई बार फोन पर बातचीत होने के सबूत मिले हैं। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से खुलासा हुआ कि तीनों के बीच बार-बार संपर्क हुआ था। इसके अलावा, सह-अभियुक्त अधिवक्ता शैलेंद्र उर्फ टोनू यादव और रवि सतीजा को झूठे मुकदमे में फंसाने वाली युवती के बीच भी कई बार बातचीत के प्रमाण सामने आए हैं।

कोर्ट में पेशी और न्यायिक हिरासत

मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जबकि बुधवार को उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। कोर्ट ने दोनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत को 1 सितंबर तक के लिए मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही, कोतवाली में एक अन्य अधिवक्ता द्वारा दर्ज रंगदारी, गाली-गलौज और धमकी के मामले में भी अखिलेश की 14 दिन की न्यायिक हिरासत स्वीकार की गई है।

सीडीआर और ऑडियो रिकॉर्डिंग से सबूत

केस डायरी में 11 फरवरी 2025 को अखिलेश और रवि के बीच हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग और उसका लिखित रूपांतरण भी शामिल किया गया है। इस रिकॉर्डिंग में अखिलेश द्वारा रवि सतीजा को झूठे मुकदमे में फंसाने, अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगवाने और धमकी देने के सबूत हैं। रवि ने अपने नए बयान में बताया कि अखिलेश ने उनसे धमकाकर कई बार में अलग-अलग धनराशि की उगाही की थी। कोर्ट ने इन सबूतों को पर्याप्त मानते हुए रंगदारी वसूलने और आपराधिक षड्यंत्र रचने की दो अतिरिक्त धाराओं में भी दोनों की न्यायिक हिरासत मंजूर की।

अखिलेश की कोर्ट में गुहार

जेल से कोर्ट में पेशी के दौरान अखिलेश दुबे ने अपनी खराब तबीयत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 68 साल है और वे कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। जेल में उन्हें डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई दवाएं नहीं मिल रही हैं, जिससे उनकी सेहत बिगड़ रही है। उनके वकील ने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया। सीजेएम सूरज मिश्रा ने जेल अधीक्षक को अखिलेश को दवाएं उपलब्ध कराने और जेल मैनुअल के अनुसार उनकी स्वास्थ्य जांच व इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

जांच में नए खुलासे की संभावना

पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) इस मामले में गहन जांच कर रही है। अखिलेश दुबे और उनके सहयोगियों के खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें फर्जी दुष्कर्म और पॉक्सो केस दाखिल कर रंगदारी वसूलने के आरोप शामिल हैं। सीडीआर और अन्य सबूतों के आधार पर जांच में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।