May 3, 2024

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ऑनलाइन सरकारी योजनाओं का झांसा देकर खुलवाते थे खाताबैंक कर्मी की भी मिलीभगत की आशंका

गोरखपुर में भी ऑनलाइन जुए और जालसाजी के केस में बैंक से लेकर छत्तीसगढ़ तक नेटवर्क फैले होने की आशंका है। प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि जालसाजों ने सरकारी योजनाओं में फायदे का झांसा देकर खाता खुलवाया था। इसमें एक बैंक कर्मचारी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

उसने आकर मौके पर ही फोटो लेकर खाता खोला था। आरोपी खाता खुलवाने वाले को पांच हजार रुपये महीना देता था। लक्ष्मीना देवी से पूछताछ में पता चला कि वह जैमिनी अपार्टमेंट में व्यापारी के घर के अलावा गोलघर स्थित काली मंदिर के पीछे चल रहे ऑफिस में भी सफाई के लिए जाती थी।

वहां व्यापारी के दोस्त अजय ठाकुर और कई अन्य लोग काम करते हैं। एक दिन व्यापारी से नौकरानी ने अनुरोध किया कि कुछ और काम भी दिलवा दें, ताकि उसे भी कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाए। व्यापारी ने सरकार की नई योजना आने का झांसा देकर उसका आधार काॅर्ड, पैन कार्ड और फोटो ले लिए।

मुंबई और छत्तीसगढ़ के खातों में भेजे गए रुपये

अब तक की पूछताछ में पता चला है कि एक आरोपी सिद्धार्थनगर का रहने वाला है, जिसके संपर्क में मुंबई के कई लोग हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लोगों के भी शामिल होने की आशंका है। पुलिस जल्द ही एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर सकती है।

यह भी पता लगा है कि गोरखपुर में खोले गए खातों में ऑनलाइन रुपये आए हैं। इन रुपयों को नेट बैंकिंग के जरिए ही तत्काल मुंबई और छत्तीसगढ़ के दूसरों खातों में भेज दिया गया। अभी 20 खाते ही सामने आए हैं, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह में शामिल अन्य लोग और खातों की जानकारी मिल जाएगी।

दरोगा की भूमिका संदिग्ध, जांच शुरू
शाहपुर थाने की एक चौकी पर तैनात दरोगा ने जांच की जगह पूरे प्रकरण में धन उगाही की कोशिश की। इसकी शिकायत भी बीते दिनों महिला ने एसपी सिटी से की थी। इसके बाद से इस मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है, क्योंकि जांच करने वाले दरोगा ने व्यापारी से रुपयों की मांग कर मामले को रफा-दफा करने की बात कही थी।

गुलरिहा में भी आया था इसी तरह का मामला

गुलरिहा इलाके की रहने वाली एक महिला का भी इसी तरह का मामला सामने आया था। उसे भी मदद के बहाने खाता खुलवाकर जालसाजी की गई थी। इसमें जांच करते हुए तमिलनाडु पुलिस ने नोटिस भी भेजा था, जिसके बाद उसे जानकारी हो पाई थी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि दोनों मामलों में एक ही गिरोह शामिल है या फिर दोनों अलग-अलग मामले हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

पीएनबी प्रबंधक और रेलवे अधिकारी से हुई थी जालसाजी

शेयर में ही रुपये कमाने का लालच देकर पीएनबी बैंक के मैनेजर से 32 लाख और रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के एक अफसर से 27 लाख रुपये की जालसाजी का मामला सामने आ चुका है। साइबर पुलिस इन मामलों की जांच भी कर रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह जालसाजी भी तो इसी गिरोह के लोगों ने तो नहीं की है।

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