हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की कंपनियों से कई बड़े ब्रांड के रैपर वाली नकली दवाएं गोरखपुर आ रही हैं, जो यहां से बिहार और नेपाल तक जा रहीं हैं। इन दवाओं पर दुकानदार को 50 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है। इसकी वजह से नकली दवा का धंधा शहर से लेकर गांवों तक फैल गया है।
दवाओं का पैकेट रोडवेज की बसों से लगायत ऑनलाइन भेजे जा रहे हैं। कोरोना काल के बाद इस धंधे में और तेजी आई है। बीते फरवरी में अपर मुख्य सचिव ने कोडिनयुक्त कफ सीरप पर निगरानी के लिए जारी आदेश में भी इस बात का जिक्र किया है कि दवाएं अवैध तरीके से दूसरी जगहों पर भेजी जा रही हैं।
शहर के बीच बसा भालोटिया मार्केट पूर्वांचल में दवा की सबसे बड़ी मंडी है। यहां हर महीने 25 से 30 करोड़ का टर्न ओवर हो रहा है। एक दवा कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर चुके राजेश पांडेय बताते हैं कि कोरोना काल में दवा का कारोबार ही ऐसा था, जो चलता रहा। इसे देखकर दूसरे धंधों में लगे कुछ माफिया ने यहां अपना जाल फैला लिया।
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