April 22, 2025

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Kanpur news; गैंगस्टर समेत चार मामलों में हो चुकी है सजा, कई मामले अभी भी उलझे…

कानपुर देहात में चार साल पहले गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठे बिकरू कांड को भले ही चार साल पूरे हो गए हैं लेकिन आज भी उस कांड की धमक लोगों से लेकर पुलिस के जहन में मौजूद है। हालांकि सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों और विकास दुबे की मौत के बाद दर्ज हुए तमाम मामलों में से सिर्फ चार मामलों में ही जांच पूरी हो सकी है। पुलिस कर्मियों की हत्या से लेकर तमाम मामलों में आज भी पुलिस या तो जांच को पूरा नहीं कर सकी या फिर कोर्ट में अक्सर उन मामलों में कोर्ट में सुनवाई में चल रही है।

वर्तमान में मुख्य मामले के साथ कई मामले कानूनी दांव पेच के चलते लंबित चल रहे हैं। वहीं, गैंगस्टर के मामले समेत चार मामलों में अभियोजन पक्ष की पैरवी से सुनवाई पूरी होने पर अदालत अपना निर्णय देते हुए कई अभियुक्तों को सजा सुना चुकी है। दो जुलाई 2020 की रात बिकरू में दबिश देने गई पुलिस टीम पर दहशतगर्द विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबतोड़ गोलियां बरसा दी थीं।

इसमें तत्कालीन सीओ बिल्हौर समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। वहीं कई पुलिस कर्मी घायल हुए थे।  बिकरू कांड के दूसरे दिन तक हुए घटनाक्रम में पुलिस ने विकास दुबे सहित 21 नामजद व 60-70 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या, लूट सहित अन्य गंभीर धाराओं में तीन अलग अलग मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने कानपुर देहात, कानपुर और अन्य शहरों में 80 मुकदमे दर्ज किए।

 

विकास दुबे समेत उसके छह गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया था
मुख्य केस में 42 आरोपी चिह्नित किए गए, जिसमें से पुलिस और एसटीएफ की टीम ने आठ दिन में विकास दुबे समेत उसके छह गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के मुख्य मामले में पुलिस ने विवेचना कर 44 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के साथ उनके खिलाफ आरोप पत्र एंटी डकैती कोर्ट में दाखिल कर दिए थे। वहीं पुलिस ने 30 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर आरोपपत्र अदालत में पेश किए थे।
दूसरे का सिमकार्ड प्रयोग करने के मामले में कानूनी दांवपेंच में उलझा फैसला
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, खुशी दुबे के खिलाफ दूसरे का सिमकार्ड प्रयोग करने का मामला दर्ज किया था। जब अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो बचाव पक्ष ने पुलिस केस डायरी की नकल का मुद्दा उठाया। जिसपर सभी आरोपियों को पुलिस केस डायरी उपलब्ध कराई गई। इसी में कई महीने बीत गए। वहीं जब आरोपियों पर आरोप तय होने की बारी आई, तो बचाव पक्ष ने अपूर्ण केस डायरी का मुद्दा उठाने के साथ ही बचाव पक्ष ने आरोपियों की ओर से एक एक कर आरोप मुक्त करने के प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किए गए।

अभी अभियोजन की ओर से कई गवाहों को पेश करना है
वहीं सुनवाई होने के बाद एक एक कर सभी निरस्त होते गए। वहीं आरोपियों पर अदालत ने फरवरी 2023 में आरोप तय कर सुनवाई शुरू कर दी। अभियोजन की ओर से मार्च 2023 में मामले में पहले गवाह दरोगा कुंवरपाल को पेश कर उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए। इससे बचाव पक्ष की जिरह होने बाद अब दूसरे अभियोजन गवाह दरोगा कौशलेंद्र प्रताप सिंह के बयान दर्ज होने बाद बचाव पक्ष की जिरह चल रही है। अभी अभियोजन की ओर से कई गवाहों को पेश करना है। उक्त परिस्थितियों में मामले में फैसला अभी कोसों दूर नजर आ रहा है।

पहली गवाही के बाद रुकी कार्रवाई
बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी के खिलाफ चौबेपुर पुलिस ने दूसरे की आईडी से लिए गए सिम का उपयोग करने का मामला दर्ज किया था। साथ ही विवेचना कर आरोप पत्र एंटी डकैती कोर्ट में पेश किए थे। इस मामले में रिचा दुबे को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। अभियोजन की लगातार पैरवी पर इसी साल फरवरी में अदालत ने मामले में रिचा दुबे सहित अन्य आरोपियों पर आरोप तय किए। साथ ही कोर्ट ने बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए मामले में आगे सुनवाई के लिए पत्रावली सीजेएम की अदालत में भेज दी। जहां अभियोजन की ओर से मामले में पहले गवाह वादी तत्कालीन इंस्पेक्टर केएन राय के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए। इसी बीच बचाव पक्ष ने मामले में पुलिस केस डायरी की नकल न मिलने का मुद्दा उठाकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसमें हाईकोर्ट ने निचली अदालत को बचाव पक्ष को नकल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अभी तक मामला नकल पर ही अटका है।

गैंगस्टर मामले में 23 दोषियों को हो चुकी है सजा
बिकरू कांड के 30 आरोपियों पर चौबेपुर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। मामले की सुनवाई एडीजे- 5 में चल रही थी। अभियोजन की जोरदार पैरवी पर व अदालत के सख्त रुख अख्तियार करने पर मई 2022 में सभी आरोपियों पर अदालत में आरोप तय हो सके थे। इसके बाद मामले में गवाही व जिरह होने के बाद अदालत ने सितंबर 2023 में अपना फैसला सुनाते हुए 23 अभियुक्तों को दोषसिद्ध करते हुए उन्हें दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं सात आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था।

खुशी दुबे के दोनों मामले अभी हैं विचाराधीन
बिकरू कांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को चौबेपुर पुलिस ने मुख्य मामले में आरोपी बनाने के साथ ही दूसरे की आईडी से लिए गए सिम कार्ड का उपयोग करने के मामले में भी आरोपी बनाया था। साथ ही मामले में विवेचना कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। मुख्य मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 पॉक्सो कोर्ट में चल रही है। वहीं दूसरे की आईडी से लिए गए सिम का उपयोग करने के मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है। वर्तमान में दोनों ही मामलों में खुशी दुबे जमानत पर है। इन दोनों ही मामलों में आरोप तय होने के बाद गवाही चल रही है। वहीं किशोर न्याय बोर्ड में चल रहे मामले में वादी मुकदमा केएन राय सहित करीब पांच गवाहों की गवाही हो चुकी है।

अभी दो गैंगस्टर मामले हैं विचाराधीन
चौबेपुर पुलिस ने मुख्य मामले के बाद तीस आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर कार्यवाही करने के बाद शेष बचे अन्य आरोपियों के खिलाफ भी गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। हालांकि इस कार्यवाही से विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे व अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को अलग कर दिया था। पुलिस ने वर्ष 2022 में मामले के आरोपी उमाशंकर और विपुल दुबे के खिलाफ गैंगस्टर की कार्यवाही करने के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे। जिनका विचारण अदालत में चल रहा है।

यह आरोपी जमानत पर हो चुके हैं रिहा
सिम मामले में पुलिस ने खुशी दुबे को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। सिम मामले में यहीं से जमानत मिलने बाद उसे लंबे समय तक जेल काटने के बाद मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने बाद उसकी पिछले साल जेल से रिहाई हुई थी। वहीं मामले में विकास दुबे के खास रहे गुड्डन त्रिवेदी व उसके ड्राइवर सुशील तिवारी के गैंगस्टर मामले में दोषमुक्त हो जाने पर उन्हें भी हाईकोर्ट से मुख्य मामले में राहत मिलने पर जमानत पर बाहर है।

इन चार मामलों का हुआ है निस्तारण
बिकरू कांड से जुड़े गैंगस्टर सहित चार मामलों में अभियोजन को आरोपियों को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है। विकास दुबे के खास रहे श्यामू बाजपेई को पुलिस पार्टी पर हमले में पांच साल कारावास की सजा सुनाई। वहीं गैंगस्टर मामले में भी श्यामू बाजपेई, जयकांत बाजपेई सहित 23 दोषियों को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसके साथ ही मामले से जुड़े दूसरे आरोपियों रामेंद्र उर्फ रामू बाजपेई के खिलाफ दर्ज शस्त्र अधिनियम के मामले में उसे अदालत ने दो साल की सजा सुनाई। साथ ही विस्फोटक अधिनियम के मामले में दयाशंकर अग्निहोत्री को तीन साल की सजा हुई।

जल्दी सुनवाई पूरी करे अदालत
अधिवक्ता महेश कुमार यादव ने कहा कि जिले के सबसे बड़े चर्चित मामले में अभी तक चार सालों में अभियोजन गवाही पूरी नहीं हो सकी है। जब कि इस मामले में अभियोजन गवाहों की लिस्ट काफी लंबी है। मामले में अदालत का फैसला आने में अभी लंबा समय लगेगा। ऐसे में पक्ष को चाहिए कि वह अदालत से अपील करे कि मामले की सुनवाई जल्द पूरी हो।

आरोपियों को मिलना चाहिए बचाव का पूरा मौका
अधिवक्ता सरोज दीक्षित ने कहा कि किसी भी मामले में आरोपी को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। इस मामले में आरोपियों के साथ ही उनके बचाव में खड़े होने वाले अधिवक्ताओं की संख्या अधिक है। अदालत को सभी आरोपियों को उनको अपना बचाव का पक्ष रखने का समुचित अवसर प्रदान करना चाहिए अन्यथा उनके साथ अन्याय होगा।

इनकी संपत्तियां हुई थी जब्त
  • विकास दुबे- 67 करोड़
  • जय बाजपेई- दो करोड़ 97 लाख
  • विष्णुपाल- सात लाख

ये पुलिसकर्मी हुए थे शहीद
  • डीसीपी देवेंद्र कुमार मिश्रा
  • एसओ महेश कुमार यादव
  • दरोगा अनूप कुमार सिंह
  • दरोगा नेबूलाल
  • सिपाही जितेंद्र पाल
  • सिपाही सुल्तान सिंह
  • सिपाही बबलू कुमार
  • सिपाही राहुल कुमार