April 29, 2024

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वर्ष 2023 में जब्त रिवॉल्वर व राइफल अब तक केस डायरी में दर्ज नहीं

गैंगस्टर मामले में विधायक इरफान सोलंकी की तीन गाड़ियों को जब्त करने में पुलिस की लापरवाही समाने आने के बाद जिम्मेदारों की एक और बड़ी लापरवाही अधिकारियों के सामने आई है। डीसीपी पूर्वी की जांच में पता चला कि वर्ष 2023 में विधायक और उनके सहयोगियों की कई संपत्तियां (रिवाल्वर, राइफल समेत) ऐसी हैं, जिन्हें सीज तो किया गया लेकिन उसे केस डायरी में दर्ज नहीं किया गया। यह चूक अनजाने में हुई या विधायक को लाभ पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर की गई, इसकी जांच एसीपी कैंट को दी गई है। एसीपी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट अधिकारी को सौंपेंगे।

जाजमऊ थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में सपा विधायक इरफान सोलंकी को गैंग लीडर बनाया गया है। इरफान व उनके सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने जाजमऊ निवासी विधायक इरफान उनके भाई रिजवान सोलंकी, साथी ग्वालटोली निवासी शौकत अली, अज्जन की छह तरह की प्रापर्टी, छह वाहन, दो लाइसेंसी शस्त्र, 12 बैंक खाते, छह प्लॉट समेत 26 चल-अचल संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्रवाई की थी। इसमें से आठ जुलाई 2023 को विधायक की रिवाल्वर, राइफल जब्त की गई।

वहीं, 14 अप्रैल तक विधायक व उसके साथियों की 68 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई थी। डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में विधायक के असलहे, शौकत अली और अज्जन की कुछ संपत्तियां सीज तो हुईं, लेकिन उन्हें केस डायरी का हिस्सा नहीं बनाया गया। ये संपत्तियां थाने पर भी मौजूद हैं। ऐसे में कानूनी जानकारों का कहना है कि केस डायरी में संपत्तियों का दर्ज न होना केस को कमजोर बना सकता है, जिसका फायदा आरोपियों को मिलेगा। डीसीपी ने बताया कि जांच में पता चलेगा कि ऐसा क्यों हुआ।

 

कहां गई इरफान की दोनाली बंदूक
गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के दौरान तत्कालीन पुलिस अफसरों ने विधायक इरफान सोलंकी के तीन लाइसेंसी शस्त्र जब्त करने का दावा किया था। लिखापढ़ी में एक रिवाल्वर व एक राइफल को जब्त दिखाया गया है। अब सवाल यह है कि आखिर विधायक का तीसरा शस्त्र दोनाली बंदूक कहां चली गई, जो न तो केस डायरी में दर्ज है और न ही पुलिस की कस्टडी में है।

केस दर्ज करा सकती है ईडी

जेल में बंद विधायक और उसके साथियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के लिए ईडी सोमवार को अपने यहां केस दर्ज कर सकती है। ईडी ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं, उसमें उन्हें काफी जानकारियां मिली है।

विधायक की ये संपत्तियां की गईं जब्त
आई-10, टाटा सफारी, हुंडई क्रेटा, रिवाल्वर, राइफल, बीओबी के दो बैंक खाते, एसबीआई की विधानसभा शाखा व जाजमऊ के तीन खाते, स्वर्णजयंती विस्तार योजना में तीन भूखंड, गाजियाबाद में बापूधाम स्थित संपत्ति।

150 करोड़ की संपत्ति दस्तावेजों में निकली 67 करोड़ की
विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान सोलंकी, साथी शौकत अली व अज्जन की 67 करोड़ 55 लाख 44 हजार 673 रुपये की बाजार मूल्य की संपत्ति जब्त की गई है। जबकि, इस संपत्ति का सरकारी मूल्य 19 करोड़ 92 लाख 35 हजार 025 रुपये है। वहीं, संपत्ति जब्त किए जाने के दौरान तत्कालीन पुलिस अफसरों ने 150 करोड़ की संपत्ति जब्त किए जाने का दावा किया था।

यह पर्यवेक्षण स्तर पर गलती का मामला है। एसीपी कैंट की जांच में सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नोएडा व गाजियाबाद में भी जब्त की गईं संपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराने के लिए टीम को भेजा गया है। – श्रवण कुमार सिंह डीसीपी पूर्वी

एक भी कड़ी कमजोर तो लाभ बचाओ पक्ष को मिलता
जब्त की गई संपत्ति केस प्रॉपर्टी होती है। केस डायरी में उसका उल्लेख जरूरी है। अगर फर्द बरामदगी में जब्त संपत्तियों का पूरा विवरण नहीं लिखा है तो उस संपत्ति को केस प्रॉपर्टी नहीं माना जाएगा। मालिक संपत्तियों को बेच भी सकता है। साथ ही जब्तीकरण की अन्य कार्रवाई भी संदेह के घेरे में आ जाएगी। कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान कड़ियों से कड़ियां जोड़ी जाती हैं और एक भी कड़ी कमजोर हो तो लाभ बचाव पक्ष को मिलता है। गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध की कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त किया जाता है। अगर ऐसी संपत्ति अभियुक्त के पास नहीं मिली तो उसका अपराध साबित करना भी मुश्किल हो जाता है। गैंगस्टर के मुकदमे में भी इसका लाभ मिलता है। – शशिकांत शुक्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी

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