November 10, 2024

TNC Live TV

No.1 News Channel Of UP

CCSU में 394 डिग्रियां निकलीं फर्जी, 100 से ज्यादा नौकरी करने वाले, जांच में हर रोज बढ़ रहा आंकड़ा

मेरठ में 81 दिनों में चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) में जांच के लिए करीब दो हजार डिग्रियां आईं, जिनमें से सरकारी व प्राइवेट नौकरी पाने वाले 124 लोगों की डिग्री फर्जी निकलीं। 270 से ज्यादा लोगों ने जनसूचना अधिकार व डाक भेजकर डिग्रियों का सत्यापन कराया, इनका भी रिकॉर्ड विवि में नहीं मिला।

सीसीएसयू के नाम की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अभी तक सरकारी विभाग नौकरी प्राप्त करने वालों का सत्यापन कराते थे, लेकिन अब प्राइवेट नौकरी देने वाले संस्थान भी सत्यापन करा रहे हैं। इस कारण इनका आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गोपनीय विभाग के अनुसार जनवरी से अभी तक करीब दो हजार डिग्री जांच के लिए आ चुकी हैं, जिनमें से 394 से ज्यादा फर्जी निकली हैं।

ओड़िसा के छतरपुर जिले के एसएसपी ने सरकारी नौकरी पाने वाली सुधा रानी व अरुणा की एमएसडब्ल्यू की डिग्री भेजी हैं, जो जांच में फर्जी निकली। बंगलूरु पुलिस ने डिपार्टमेंट ऑफ कॉलिजिएट एंड टेक्निकल एजुकेशन में सरकारी नौकरी पाने वाली नगाना गौड़ा, देवेंद्र व सचिन कुमार की डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस की डिग्री जांच के लिए भेजी। विवि ने डिग्री फर्जी होने की रिपोर्ट भेज दी है। इसकी वजह विवि में डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस का पाठ्यक्रम संचालित नहीं होता है। ज्योतिश्री ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी हासिल की है। जब सीसीएसयू ने राजनीति विज्ञान में 2019 में मिली पीएचडी की डिग्री का रिकॉर्ड से मिलान किया तो ज्योतिश्री के नाम की कोई डिग्री नहीं मिली। विवि के गोपनीय विभाग ने जांच करके अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण के लिए आई राघव की एलएलबी व बीसीए की डिग्री जांच के लिए भेजी, जो फर्जी निकली। बार काउंसिल ऑफ चंडीगढ़ ने वर्ष 2002 में जारी एलएलबी की डिग्री सत्यापन को भेजी है, वह भी फर्जी निकली है। करम पब्लिक स्कूल की तरफ से एक युवती की बीएड की डिग्री जांच के लिए भेजी है, इसका भी रिकॉर्ड विवि में नहीं मिला है। वहीं, गलत तरीके से डिग्री बनवाने वाले सत्यता जानने के लिए जनसूचना अधिकार और डाक के माध्यम से पत्र भेजकर अपनी-अपनी डिग्रियों की जांच करवा रहे हैं।

संस्थान को दे देते हैं रिपोर्ट
कुलसचिव धीरेंद्र कुमार ने बताया कि विवि में सत्यापन के लिए सरकारी व प्राइवेट संस्थान डिग्री भेजते हैं। विवि जांच करके संबंधित को रिपोर्ट भेज देता है। इन मामलों में कार्रवाई करने का अधिकारी नियुक्ति करने वाले विभाग व संस्थान का है।