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तीन फुट लम्बी वयस्क विस्ख़ापर (गोह) देखकर डरे घरवाले, डॉ आशीष ने रेस्क्यू कर प्राकृतवास में छोड़ा
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जनपद में अब तक कई खतरनाक वन्यजीव रेस्क्यू कर आपदा प्रबंधन का कार्य कर रहे डॉ आशीष त्रिपाठी
सर्पमित्र- डॉ आशीष त्रिपाठी
हेल्पलाइन – (7017204213)
इटावा
आज सराय दयानत के घनञ्जय पुरम कॉलोनी में रहने वाले विपिन कुमार के घर की छत पर लकड़ियों के ढेर में एक 3 फ़ीट लम्बी वयस्क व लगभग 4 किलो वजनी विस्ख़ापर (गोह) छुपी बैठी थी। जिसे देखकर वहाँ खेल रहे बच्चे बेहद व घरवाले बेहद ही डर गये। तभी विपिन ने कॉल करके मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कॉर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को मौके पर बुलाया, डॉ आशीष ने तुरन्त ही मौके पर पहुँच कर जब उस विस्ख़ापर को 5 मिनट में ही सावधानी से सुरक्षित पकड़ लिया, तब जाकर घरवालों ने राहत की सांस ली। डॉ आशीष द्वारा विस्ख़ापर को पकड़ने के बाद तुरंत ही उसे सुरक्षित प्राकृतवास में ले जाकर छोड़ भी दिया गया।
वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि,ये विस्ख़ापर एक विषहीन जीव है व भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत एक संरक्षित प्राणी भी घोषित है। जिसमें किसी प्रकार का कोई जहर नही होता है। यदि कभी यह गलती से किसी को काट ले इसकी ओरोफेरेंजीयल कैविटी में खतरनाक बैक्टीरिया मौजूद होने की वजह से काटने के बाद घाव होने या इलाज में किसी भी लापरवाही से पीड़ित की त्वचा में गैंगरीन हो सकता है। बाकी यह एक बेहद ही शर्मिला जीव भी है जो मनुष्यों को देखकर स्वयं ही कहीं न कहीं छिप ही जाता है। इनके प्राकृतवास में पानी भर जाने या नष्ट हो जाने से ये आसपास पेड़ पौधे न होने की वजह से घरों की छत पर भी चढ़ जाते है। अतः वेवजह ही विस्ख़ापर से बिल्कुल भी न डरें। इसे मारने या नुकसान पहुंचाने पर वन्यजीव अधिनियम के तहत सुसंगत धारा के अंतर्गत कठोर कार्यवाही व जुर्माने का प्रावधान है। वही मौके पर मौजूद घर की महिलाओं ने बताया कि,कल दोपहर से इस बड़ी गोह को देखकर हम लोग बेहद ही डरे हुये थे । आज डॉ आशीष त्रिपाठी को हमने बुलाया तब उन्होंने इसे सुरक्षित पकड़ा है जिसके लिये हम सभी उनके विशेष आभारी है। विदित हो कि, डॉ आशीष त्रिपाठी पिछले कई वर्षों से इटावा जनपद में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये स्कूलों कालेजों में छात्र छात्राओं के बीच जाकर विशेष जागरूकता अभियान भी चलाते आ रहे है। जिसके परिणाम स्वरूप कई जीवों को जीवनदान भी मिल रहा है व अब उनके द्वारा लगातार की जा रही जागरूकता के कारण लोगो ने वन्यजीवों को मारना छोड़ दिया है एवं उनके हेल्पलाइन नम्बर पर वन्यजीव के दिखाई देने पर तुरन्त ही सूचना देने लगे है।
एक निवेदन- कृपया अपने आसपास मौजूद सभी बेजुबानों पर दया करें उनकी रक्षा करें क्यों कि, प्रकृति में इन सब जीवों की उपस्थिति भी बेहद ही आवश्यक है। निवेदक 🙏(ओशन)
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