May 6, 2024

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खोवा-पनीर जांच-परख कर ही खरीदें वरना कर देगा बीमार- बरतें ये सावधानियां

होली के उल्लास के बीच सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। बाजार में मिलावटी खोवा और पनीर की भरमार है। जानकारों की मानें तो धंधेबाज पाउडर और रिफाइंड ऑयल से बना खोवा और सोयाबीन मिश्रित पनीर बाजार में खपा रहे हैं। ऐसे में बाजार जाएं तो खरीदारी थोड़ा सतर्क रहकर करें। ज्यादा चकमदार खोवा या पनीर की चकाचौंध में न आएं। जांच-परखकर ही खरीदें, वरना बीमार पड़ सकते हैं।

मिठाई व गुझिया बनाने के लिए खोवा की जबरदस्त मांग है। मार्केट में मांग से भी अधिक खोवा मौजूद है। साढ़े पांच सौ रुपये किलो से लेकर 220 रुपये किलो तक के भाव हैं। पनीर भी 300 से लेकर 160 रुपये किलो तक बिक रहा है। दरअसल, रेट का यह खेल इनमें हो रही मिलावट के चलते ही है। बाजार की बढ़ी मांग को यह मिलावटी खोवा और पनीर से पूरा किया जा रहा है।

आलम यह है कि एक विशेष प्रकार के पाउडर को रिफाइंड ऑयल के साथ गूंथकर मावा तैयार हो जा रहा है। वहीं पाउडर और सोयाबीन के विशेष मिश्रण को फ्रीज में जमाकर बिल्कुल असली जैसा पनीर बनाया जा रहा है। बीते दो दिनों में मार्केट में 450 किलो खोवा पकड़ा भी जा चुका है।

शहर की एक दुकान पर मिठाई बनाने का काम करने वाले छोटेलाल ने बताया कि मिठाई और गुझिया की बहुत डिमांड है। इतना असली खोवा से दे पाना संभव नहीं है। असली खोवा का रेट 500 रुपये प्रति किलो से ऊपर है। उससे मिठाई या गुझिया बनाने में जितनी लागत आएगी, उस हिसाब से बिक्री मूल्य नहीं मिलेगा। दुकान के काउंटर में दिखाने के लिए जो मिठाई बनाई जाती है, उसमें गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाता है। बाकी मार्केट में जो मिल रहा है, उससे ही बनाना पड़ेगा।

ज्यादा साफ मतलब मिलावट अधि
खोवा का कारोबार करने वाले विजय कुमार बताते हैं कि बाजार में चार रेट के खोवा मौजूद हैं। सबसे अच्छी क्वालिटी का खोवा जिसे देसी कहा जाता है, उसकी कीमत 550 रुपये प्रति किलो है। इसमें मिलावट की गुंजाइश नहीं होती। गेहूं के रंग जैसा दिखने वाला खोवा स्वाद और सुंगध में भी औरों से अलग होता है।

इसके बाद 450 रुपये, 300 रुपये और 220 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव का भी खोवा उपलब्ध है, लेकिन इनमें पाउडर और रिफांइड ऑयल की मिलावट है। पाउडर को रिफाइंड में गूंथकर यह खोवा तैयार होता है। इसी प्रकार सागर पाउडर से बने दूध और सोयाबीन को पीसकर पनीर बनाया जाता है।

ऐसे करें पहचान

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी बताते हैं कि खोवा में आलू, आटा, शकरकंदी समेत कई वस्तुएं मिलाई जा रही हैं। अभी तक साढ़े चार क्विंटल मिलावटी खोवा जब्त किया जा चुका है। अन्य जगहों से लिए गए नमूनों की जांच भी की जा रही है। लोग थोड़ी सी सावधानी से इसे पहचान सकते हैं।

अगर खोवा से दुर्गंध आ रही है, तो वह खराब है। इसे कत्तई न खरीदें।
खोवा को हथेली पर रखकर गोली बनाएं। अगर गोली एकदम चिकनी है तो खोवा ठीक होगा।

खोवा को हथेली पर रखकर कुछ देर तक मसलें। इससे शुद्ध देसी घी की सुगंध आएगी।
खोवा को गर्म करें और उस पर एक बूंद आयोडीन टिंचर डालें। अगर खोवा का रंग नीला हो जाए तो समझ लें कि उसमें मिलावट है।

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