बलरामपुर। पहाड़ों पर बारिश से तराई क्षेत्र के पहाड़ी नाले खरझार में उफान आ गया है। कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। सड़कों पर पानी भरने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते में पानी भरा होने के कारण कई स्कूल बंद हो गए हैं।
बताते चलें कि तराई क्षेत्र में कई पहाड़ी नाले हैं। इनमें से एक खरझार नाले में हर साल बाढ़ आती है। दो दिन से नेपाल व पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते रविवार को खरझार नाले में उफान आ गया। इससे शांतिपुरवा, रामगढ़ मैटहवा, विजयीडीह, कनहरा, सुगानगर, औरहिया, लैबुड्डी, नन्हुवापुर, दांदव, लैबुड़वा, रामस्वरूप पुरवा, रूपनगर, पूरेछीटन, अमरहवा, बरगदही, पटोहाकोट, महादेव गोसाईं, बनकटवा व जगरामपुर आदि गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों के चारों तरफ पानी होने के कारण ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। अमरहवा गांव में लोग लकड़ी के पुल के सहारे आवागमन कर रहे हैं। इतना ही नहीं रामगढ़ मैटहवा व विजयीडीह के प्राथमिक विद्यालय में पानी भरने के कारण बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। ग्राम प्रधान धनीराम वर्मा, जयप्रकाश, अवधेश कुमार व जमुना वर्मा का कहना है कि बरसात में खरझार पहाड़ी नाले में बाढ़ की समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है। बार-बार बाढ़ आने के बावजूद तबाही रोकने के लिए शासन-प्रशासन की तरफ से प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है। इन लोगों ने बाढ़ से होने वाली तबाही को देखते हुए ठोस कार्ययोजना के तहत काम कराने तथा बाढ़ प्रभावित गांवों में बचाव व राहत कार्य शुरू कराने की मांग की है।
तुलसीपुर तहसीलदार परमेश कुमार ने बताया कि खरझार नाले में बाढ़ आने की सूचना मिली है। लेखपालों को बाढ़ प्रभावित गांवों में भेजकर बचाव व राहत कार्य के निर्देश दिए गए हैं।
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